16 नवंबर, पेरिस। दुनियाभर के वैज्ञानिक मनुष्य जाति की धरती पर निभर्रता कम करने के लिए चांद और मंगल पर बस्ती बसाने की तैयारी कर रहे हैं, ताकि धरती पर तबाही की स्थिति में मानव का अस्तित्व बना रहे, लेकिन धरती पर ही इसका विकल्प तलाश लिया जाए तो इससे अच्छी क्या बात होगी। और इसको कर दिखाया है फ्रांस की सरकार ने। यहां के वैज्ञानिक एक ऐसा “स्वतंत्र शहर” बनाने जा रहे हैं जो समुद्र में तैरेगा।
दरअसल फ्रांस की सरकार दक्षिण प्रशांत सागर में एक-दो घर नहीं बल्कि एक पूरा शहर बसाने की तैयारी कर रही है। इस शहर की खास बात यह होगी कि यह दुनिया से बिलकुल अलग होगा, लेकिन इस शहर में वे सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी जो धरती पर होती हैं। फ्रांस सरकार ने नए शहर बसाने का काम भी शुरू कर दिया है। उम्मीद की जा रही है कि 1135 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस शहर में साल 2020 तक ढाई से तीन सौ लोग रहने भी लगेंगे, जबकि 2050 तक इनकी संख्या हजारों में होंगी।
इस शहर को कुछ इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है, जिससे 100 साल तक इस शहर में किसी भी तरह का निर्माण किया जा सके। कौन करेगा निर्माण?दुनिया के पहले तैरते हुए शहर को बसाने के लिए फ्रांस की पॉलीनेशिया सरकार और सेस्टेडिंग इंस्टीट्यूट के बीच करार हुआ है। यह करार जनवरी 2017 में हुआ।
इस कारण आया कॉन्सेप्ट
फ्रांस की पॉलीनेशिया सरकार के मुताबिक दक्षिण प्रशांत महासागर में 118 द्वीपों का एक समूह है। जलस्तर बढ़ने के कारण इन द्वीपों के डूबने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। यही कारण है कि इन द्वीपों के आसपास ऐसे शहर को बनाने की तैयारी की जा रही है जो समुद्र में तैरता रहेगा।
ये खास होगा शहर में
– खेती
– एक्वाकल्चर खेती
– हेल्थ केयर
– मेडिकल रिसर्च सेंटर
– पावर हाउस
किन चीजों से होगा निर्माण
– बांस
– नारियल के रेशे
– लकड़ी
– प्लास्टिक
– रिसाइकल धातु
– 2019 में इस स्वतंत्र शहर के लिए काम शुरू हो जाएगा।
– 2020 तक इस शहर में ढाई से तीन सौ लोग रहने लगेंगे।
– 1135 करोड़ रुपए खर्च आएंगे इस शहर को बनाने में।
– 2050 तक ऐसे शहरों की संख्या हजारों में होंगी।