कीव। सोलह महीने से अधिक समय से रूसी आक्रमण का सामना कर रहे यूक्रेन ने पश्चिमी देशों को जवाबी हमले में विलंब के लिए जिम्मेदार ठहराया है। युद्धरत क्षेत्रों के दौरे पर गए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने जवानों से मुलाकात के बाद कहा है कि पश्चिमी देशों की ओर से हथियारों की धीमी आपूर्ति के कारण जवाबी कार्रवाई करने में चार महीने लग गए।
यूक्रेन पर रूस ने पिछले साल फरवरी में हमला किया था। सोलह महीने से अधिक समय से यूक्रेन इस हमले का सामना कर रहा है। यूक्रेन को पश्चिमी देशों की ओर से भरपूर समर्थन मिल रहा है, किन्तु अब यूक्रेनी राष्ट्रपति ने रूस पर जवाबी हमले में विलंब के लिए पश्चिमी देशों को ही जिम्मेदार ठहरा दिया है। जेलेंस्की ने कहा कि फरवरी में हमले के बाद रूस के खिलाफ जवाबी कार्रवाई जून में शुरू हो सकी, जबकि उन्होंने बहुत पहले जवाबी कार्रवाई शुरू करने की मांग की थी। देरी से कार्रवाई करने की वजह से रूस ने कब्जाए शहरों में अपनी मजबूती अच्छी कर ली।
जेलेंस्की ने कहा कि युद्ध के मैदान में कुछ कठिनाइयों के कारण हमारा जवाबी हमला धीमा हो रहा है। वहां भारी खनन किया गया है। उन्होंने कहा कि मैं चाहता था कि हमारा जवाबी हमला बहुत पहले हो, क्योंकि हर कोई समझता है कि अगर जवाबी हमला बाद में होगा, तो क्षेत्र का बड़ा हिस्सा खनन किया जा सकता है। यूक्रेन का समर्थन करने वाले नेताओं और अमेरिका का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने सवाल भी खड़े किये। उन्होंने कहा कि सच यह भी है कि मैंने जवाबी हमले से पहले अमेरिका और यूरोपीय नेताओं से कहा था कि आपूर्ति की कमी के कारण अधिक जानें जा सकती हैं। इसलिए हम अपना जवाबी हमला पहले शुरू करना चाहेंगे और इसके लिए हमें सभी हथियारों और सामग्री की आवश्यकता होगी।