नई दिल्ली। पेरिस में 14 जुलाई को होने वाली फ्रांसीसी सैन्य परेड में भारतीय सैन्य दल भी मार्चिंग दल का हिस्सा होगा। फ्रांस में ‘बैस्टिल डे’ पर समारोह में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व करने के लिए पंजाब रेजिमेंट को चुना गया है। तीन अधिकारियों, चार जेसीओ और 69 सैनिकों वाली ड्रिल टुकड़ी गुरुवार को वायु सेना के जामनगर स्टेशन से चार्ल्स डी गॉल हवाई अड्डे, पेरिस के लिए रवाना हुई। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी परेड के सम्मानित अतिथि होंगे।
भारतीय वायु सेना के तीन राफेल लड़ाकू जेट ‘बैस्टिल डे’ पर पेरिस के चैंप्स एलिसीजज के ऊपर फ्लाईपास्ट में उड़ान भरेंगे। भारतीय सैन्य दल भी परेड में मार्चिंग दल का हिस्सा होगा। भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय दिवस पर हर साल हमारे पास एक सम्माननीय अतिथि होता है, लेकिन इस साल यह यह बहुत खास है कि फ्रांस और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ है। उन्होंने 4 जुलाई को इच्छा जताई थी कि इस बार परेड में भारतीय सैनिक और आसमान में भारतीय राफेल भी हों।
क्या है बैस्टिल दिवस का इतिहास : बैस्टिल डे परेड को फ्रांस में राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दुनिया की सबसे पुरानी सैन्य परेडों में से एक है, जिसका आयोजन 14 जुलाई को होता है। हर साल बैस्टिल दिवस पर पेरिस के प्रसिद्ध एवेन्यू डेस चैंप्स-एलिसीस पर एक सैन्य परेड होती है। यह नजारा ठीक भारत में गणतंत्र या स्वतंत्रता दिवस के दिन कर्तव्य पथ पर दिखता है। बैस्टिल दिवस को एक तरह से फ्रांस की क्रांति के तौर भी समझा जाता है। बैस्टिल वास्तव में एक किला या जेल था, जहां राजा के आदेश पर कैदियों को सजा दी जाती थी। सत्रहवीं शताब्दी में बैस्टिल का खौफ था, लेकिन 14 जुलाई, 1789 को राजशाही विरोधी क्रांतिकारियों ने उस पर धावा बोल दिया। क्रांतिकारियों ने इस दौरान 7 कैदियों की जान भी बचा ली। इस प्रकार इस दिन बैस्टिल का किला ध्वस्त हो गया और तभी से फ्रांस की आम जनता इसे विजय दिवस के तौर पर मनाती है।