नई दिल्ली। लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस एमके-1ए इस साल के अंत तक हथियारों का परीक्षण शुरू कर देगा। श्रीनगर स्थित वायु सेना की 51 नंबर स्क्वाड्रन (स्वॉर्ड आर्म्स) को अगले साल से तेजस एमके-1ए विमान मिलने लगेंगे। वायु सेना की पश्चिमी कमान के अधीन इसी स्क्वाड्रन से 2019 में सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान लड़ाकू विमानों को पाकिस्तानी विमानों की घुसपैठ को रोकने के लिए तैनात किया गया था। विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान यहीं से मिग-21 में उड़ान भरकर पाकिस्तान के ‘मेहमान’ बने थे।
बेंगलुरु में एयरो इंडिया के दौरान 03 फरवरी, 2021 को रक्षा मंत्रालय ने एचएएल के साथ स्वदेशी सैन्य उड्डयन सेवा में अब तक का सबसे बड़ा सौदा करके 83 तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट की डील फाइनल की थी। वायु सेना को फरवरी, 2024 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से पहला लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस मार्क-1ए मिलेगा। श्रीनगर स्थित स्वॉर्ड आर्म्स स्क्वाड्रन तेजस एमके-1ए प्राप्त करने वाली पहली स्क्वाड्रन होगी। अभी तक यह स्क्वाड्रन मिग विमानों का ठिकाना है, जिन्हें तेजस की आपूर्ति शुरू होने के बाद सेवा से विदाई द
एचएएल के मुताबिक तेजस एमके-1ए में डिजिटल रडार चेतावनी रिसीवर, एक बाहरी ईसीएम पॉड, एक आत्मसुरक्षा जैमर, एईएसए रडार, रखरखाव में आसानी और एवियोनिक्स, वायुगतिकी, रडार में सुधार किया गया है। इसमें उन्नत शॉर्ट रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (एएसआरएएएम) और एस्ट्रा एमके-1 एयर टू एयर मिसाइल लगाईं जाएंगी। तेजस एमके-1 ए के 20 विमान प्रति वर्ष वायुसेना को मिलेंगे। तेजस एमके-1ए की आपूर्ति 2024 से शुरू होगी और 2027 तक पूरे 83 विमान वायुसेना को मिल जाएंगे। इनमें 73 लड़ाकू विमान और 10 ट्रेनर विमान होंगे। एलसीए तेजस एमके-1ए संस्करण में फिलहाल स्वदेशी सामग्री 50% है जिसे 60% तक बढ़ाया जाएगा।