नयी दिल्ली। दूरसंचार क्षेत्र से जुड़ी विश्लेषक कंपनियों का मानना है कि रिलायंस जियो का ‘आकर्षक दाम’ पर उतारा गया इंटरनेट-समर्थित फोन कंपनी की बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने में अहम भूमिका निभाने के साथ निकट अवधि में शुल्क दर बढ़ने की संभावना को भी कम करेगा। जियो ने 999 रुपये की कीमत में ‘जियो भारत’ फोन उतारने की घोषणा की थी। इसके साथ 123 रुपये का मासिक प्लान पेश किया गया है जिसमें असीमित वॉयस कॉल के अलावा 14 जीबी डेटा भी ग्राहकों को मिलेगा। जियो ने इसके जरिये 2जी फोन का इस्तेमाल कर रहे 25 करोड़ ग्राहकों को निशाना बनाने की कोशिश की है।
जेपी मॉर्गन ने एक टिप्पणी में कहा कि जियो का यह ‘बदलाव लाने वाला कदम’ 2जी सेवाओं की शुल्क दरों में वृद्धि का सिलसिला रोक सकता है। इसके अलावा जियो की बुनियादी दूरसंचार सेवा खंड में हिस्सेदारी भी बढ़ाने में मदद मिलेगी। मॉर्गन ने कहा, “हमारा मत है कि यह भारती एयरटेल के लिए नकारात्मक साबित होगा क्योंकि अगले 12-18 महीनों में शुल्क दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद खत्म हो जानी चाहिए।”वहीं, एमके ने अपने बयान में कहा कि जियो भारत फोन वर्ष 2018 में आए मूल जियोफोन की तुलना में बाजार में उथल-पुथल मचाने के लिहाज से कहीं बेहतर स्थिति में है। उसने कहा कि आपूर्ति शृंखला या प्रदर्शन से जुड़ी कोई समस्या नहीं होने पर जियो भारत फोन को 10 करोड़ से भी अधिक ग्राहक अपना सकते हैं। एमके ने कहा, “वोडाफोन आइडिया और एयरटेल के पास 2जी के क्रमशः 10.3 करोड़ और 11.1 करोड़ ग्राहक हैं। अगर इनमें से 40 प्रतिशत ग्राहक भी जियो भारत को चुनते हैं तो इन दोनों कंपनियों के मोबाइल राजस्व में क्रमशः 11 प्रतिशत और आठ प्रतिशत का असर पड़ सकता है।”
इसके साथ ही एमके का मानना है कि इस किफायती फोन के आने से 2जी सेवाओं की शुल्क दरों में बढ़ोतरी भी देर से होगी। ऐसा होने पर वोडाफोन आइडिया को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा। जेफरीज ने जियो के इस फोन को शुल्क वृद्धि के लिहाज से अच्छा नहीं मानते हुए कहा है कि यह भारतीय दूरसंचार बाजार को जल्द ही दो कंपनियों के बीच समेकित कर सकता है। जेफरीज के मुताबिक, जियो भारत फोन आने के बाद जियो को सालाना 2-2.2 करोड़ ग्राहक मिल सकते हैं जिससे भारती एयरटेल की कर-पूर्व आय वर्ष 2024-25 तक एक-दो प्रतिशत कम सकती है।