नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका से हथियारबंद ड्रोन के सौदे में कीमत और खरीद की शर्तों को लेकर सोशल मीडिया में लगाई जा रही अटकलबाजी अनुचित है और इसका उद्देश्य खरीद प्रक्रिया को पटरी से उतारना है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि अभी इस सौदे में कीमत तथा सेवा शर्तों को अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
मंत्रालय ने रविवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा कि अमेरिका से खरीदे जाने वाले 31 ड्रोन के बारे में सोशल मीडिया में अवांछित रिपोर्ट आ रही है और इनका इरादा गलत है तथा इस सौदे में बाधा पहुंचाना है। मंत्रालय ने कहा है कि ड्रोन की कीमत और सेवा शर्तों को अभी बातचीत के आधार पर अंतिम रूप दिया जाना है। सरकार ने सभी से आग्रह किया है कि इस संबंध में किसी भी तरह की फर्जी खबर या गलत जानकारी ना फैलाई जाए क्योंकि इसका सशस्त्र सेनाओं के मनोबल पर तथा ड्रोन की खरीद प्रक्रिया पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
वक्तव्य में कहा गया है कि रक्षा खरीद परिषद ने गत 15 जून को आवश्यकता के आधार पर 31 एमक्यू 9 बी ड्रोन की खरीद को मंजूरी दी थी। यह खरीद विदेशी सैन्य बिक्री श्रेणी के तहत तीनों सेनाओं के लिए की जा रही है। ड्रोन की यह खरीद सभी संबंधित उपकरणों के साथ की जाएगी।
अमेरिकी सरकार ने इस सौदे की कीमत 3072 मिलियन अमेरिकी डॉलर बताई है हालांकि कीमत के बारे में अंतिम फैसला अमेरिकी सरकार की ओर से नीतिगत मंजूरी मिलने के बाद बातचीत के आधार पर किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय खरीद मूल्य की तुलना ड्रोन बनाने वाली कंपनी जनरल एटॉमिक द्वारा अन्य देशों के साथ किए गए सौदों से भी करेगा। मंत्रालय ने कहा है कि खरीद प्रक्रिया अभी जारी है और यह निर्धारित व्यवस्था के तहत की पूरी की जाएगी।
वक्तव्य में कहा गया है कि विदेशी सैन्य बिक्री श्रेणी के तहत अमेरिकी सरकार को इस खरीद के संबंध में एक अनुरोध पत्र भेजा जाएगा जिसमें तीनों सेनाओं की जरूरतों उपकरणों की सूची और सेवा शर्तों का उल्लेख किया जाएगा। इसके आधार पर अमेरिकी सरकार और रक्षा मंत्रालय सोने की कीमत और सेवा शर्तों को अंतिम रूप देंगे।