इस्लामाबाद। पाकिस्तान चुनावी मोड में आ चुका है। चुनाव आयोग ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।
नेशनल असेंबली के साथ-साथ सिंध और बलूचिस्तान में प्रांतीय विधानसभाओं का कार्यकाल भी अगले दो महीने में समाप्त होने वाला है। पाकिस्तान चुनाव आयोग पाकिस्तान (ईसीपी) अक्टूबर में होने वाले आम चुनावों की तैयारी में जुट गया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा को आगामी आम चुनाव की तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई।
सूत्रों के अनुसार, राजा को बताया गया कि आवश्यक चुनाव सामग्री और मतपत्रों की खरीद का काम पूरा कर लिया गया है और उसका भंडारण सुनिश्चित कर लिया गया है।
साथ ही मतदान केंद्रों की सूची का प्रारूप भी तैयार कर लिया गया है, जिसे अधिसूचना के तुरंत बाद रिटर्निग अधिकारियों को भेजा जाएगा।
कानून के मुताबिक, मतदाताओं के पंजीकरण, बहिष्करण और सत्यापन की आखिरी तारीख 13 जुलाई है।
ईसीपी ने एक जागरूकता अभियान भी शुरू किया है और मतदाता सूची के मुद्रण और वितरण, मतदान सामग्री के लिए कागजात की खरीद और मतपत्रों को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय डेटाबेस नियामक प्राधिकरण के साथ लगातार संपर्क में है।
विश्लेषकों का कहना है कि अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के 9 मई की हिंसा के बाद राजनीतिक रूप से लगभग समाप्त हो जाने के बाद मौजूदा गठबंधन सरकार अब चुनाव कराने के लिए तैयार है।
एक वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक जावेद सिद्दीकी ने कहा, मौजूदा सरकार के लिए सत्ता में बने रहने और गठबंधन की स्थापना को फिर से पुख्ता करने का रास्ता अब साफ है। इमरान खान सरकार के लिए सबसे बड़ा खतरा थे। अब जब उनकी पार्टी टूट गई है और उनका राजनीतिक पतन हो चुका है; गठबंधन सरकार को अपने सहयोगियों के साथ एक बार फिर सत्ता हासिल करने में कोई समस्या या चुनौती नहीं है।
पहले यह कहा जा रहा था कि सरकार आम चुनावों में देरी करना चाह रही थी क्योंकि उसे खान और उनकी पार्टी द्वारा पेश की गई मजबूत राजनीतिक चुनौती के कारण चुनावी प्रक्रिया में हारने का डर था।