नई दिल्ली। पिछले दिनों वैष्णो देवी मंदिर में एक दिन में श्रद्धालुओं की संख्या 50 हजार तक करने के बाद अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने अमरनाथ श्राइन बोर्ड को फटकार लगाई है। ट्रिब्यूनल ने कहा है कि गुफा के आसपास की जगह को साइलेंट जोन घोषित किया जाए। उसने कहा कि हिमस्खलन जैसी घटना ना हो इसके लिए वहां नारियल फोड़ने पर भी रोक लगाई जाए।
एनजीटी ने बुधवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए अमरनाथ मंदिर में पर्यावरण सुरक्षा और श्रद्धालुओं की मूलभूत सुविधाओं के लिए एक कमेटी गठित की। यह कमेटी जांच के बाद मंदिर के आस-पास की स्वच्छता, उचित मार्ग मुहैया कराए जाने जैसे कई पहलुओं पर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। एनजीटी ने दिसंबर के पहले हफ्ते में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
एनजीटी ने अमरनाथ मंदिर में पर्यावरण सुरक्षा और श्रद्धालुओं की सुविधाओं के मद्देनजर कई सवाल भी पूछे। कहा कि अब तक क्यों नहीं वहां से अतिरिक्त शौचालय या दुकानें हटाई गईं। यह भी सवाल किया कि अमरनाथ मंदिर के आसपास के क्षेत्र को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के 2012 के आदेश का अब तक पालन क्यों नहीं किया गया। इस संबंध में अमरनाथ श्राइन बोर्ड को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।
यह भी कहा कि गुफा के आसपास पूजा के रूप में चढ़ाने वाली चीजें ना फेंकी जाएं। साथ ही हिमस्खलन से बचने के लिए अमरनाथ मंदिर के आसपास के क्षेत्र को ‘साइलेंस जोन’ घोषित करने का सुझाव भी दिया।
गौरतलब है कि इससे पहले एनजीटी ने पर्यावरण सुरक्षा और अधिकारियों का भार कम करने के लिए मां वैष्णो देवी के दर्शन को जाने वाले यात्रियों की संख्या नियंत्रित कर एक दिन में 50 हजार कर दी थी। वहां निर्माण संबंधी गतिविधियों को रोकने का भी निर्देश दिया है।