नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय बेहतर शासन और कामकाज के लिए अपने विभागों के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए 19-20 जून को नई दिल्ली में ‘चिंतन बैठक’ करेगा। रक्षा विभाग, रक्षा उत्पादन विभाग, सैन्य मामलों का विभाग (डीएमए), पूर्व सैनिक कल्याण विभाग ने विभिन्न मुद्दों की पहचान की है, जिन पर रक्षा विभागों के अधिकारी विशेषज्ञों के साथ अपने विचारों को साझा करके चर्चा करेंगे।
रक्षा मंत्रालय अपने विभागों के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करने और बेहतर शासन देने के लिए दो दिवसीय ‘चिंतन बैठक’ का आयोजन कर रहा है, ताकि इनका समाधान करके नए विचारों को विकसित किया जा सके। रक्षा विभाग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए व्यापक दृष्टिकोण, साइबर सुरक्षा चुनौतियां, राष्ट्रीय सूचना सुरक्षा नीति और दिशा-निर्देश, निष्पादन लेखापरीक्षा, सैनिक स्कूल शिक्षा प्रणाली और रक्षा अधिग्रहण में क्षमता निर्माण विषयों पर विचार विमर्श करेगा। इसका आयोजन वास्तविक समय सीमा में वांछित लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ने का रास्ता निकालने के लिए किया जा रहा है।
रक्षा उत्पादन विभाग आत्मनिर्भरता में वृद्धि करना, स्वदेशीकरण के लिए भविष्य की कार्ययोजना, उत्पादन और रक्षा निर्यातों को बढ़ाना, औद्योगिक इकोसिस्टम और कुशल कार्यबल, सबको समान अवसर प्रदान करने में वृद्धि और गुणवत्ता सुधार विषय पर चर्चा करेगा। सैन्य मामलों का विभाग (डीएमए) जिन मुद्दों पर चर्चा करेगा, उनमें औपनिवेशिक प्रथाओं तथा अप्रचलित कानूनों की पहचान करके उन्हें समाप्त करना तथा सशस्त्र बलों में देश के अपने लोकाचारों को शामिल करना प्रमुख है। रणनीतिक कार्यक्षेत्रों में सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण पर भी चर्चा होगी।
पूर्व सैनिक कल्याण विभाग ने पूर्व सैनिकों के लिए बेहतर पेंशन सेवाओं तथा अन्य कल्याणकारी उपायों के लिए स्पर्श का लाभ उठाने, रोजगारपरकता में सुधार लाकर पूर्व सैनिकों का पुनर्वास और पूर्व सैनिकों को सूक्ष्म उद्यमों की शुरुआत के लिए उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और पूर्व सैनिकों की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के मुद्दों की पहचान की। ‘चिंतन बैठक’ का समापन विभिन्न विभागों में संगठनात्मक दक्षता बढ़ाने के लिए विचारों तथा सुझावों को आमंत्रित करने के लिए एक खुले सत्र के साथ होगा।