नई दिल्ली।दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि बहुत से युवाओं पर आइडिया तो होते हैं, लेकिन सही मंच न मिलने के कारण वह उन्हें कार्यान्वित नहीं कर पाते। ऐसे में युवा चाह कर भी अपने उद्यम शुरू नहीं कर सकते। कुलपति दिल्ली विश्वविद्यालय में स्थापित उद्यमोद्य फ़ाउंडेशन के नोडल अधिकारियों के लिए आयोजित ओरिएंटेशन कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि उद्यमिता की सोच रखने वाले विद्यार्थियों के लिए उद्यमोद्य फ़ाउंडेशन एक ऐसा मंच है जहां उन्हें एक छत के नीचे सभी सुविधाएं और सहायता उपलब्ध होगी। इस अवसर पर हड़प्पा शिक्षा के संस्थापक डॉ. प्रमथ राज सिन्हा वक्ता के तौर पर मौजूद रहे और स्टार्टअप के बारे में विस्तार से जानकारी प्रस्तुत की।
कुलपति ने उद्यमोद्य फ़ाउंडेशन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि यह एक सेक्शन-8 कंपनी है जिसे विश्वविद्यालय में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और विद्यार्थियों की सहायता के लिए स्थापित किया गया है। उन्होने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में यह एक नया आइडिया है जिसके अंतर्गत हम एक छत के नीचे युवा उद्यमियों को सभी सहूलियतें देने का काम करेंगे। विद्यार्थी इसमें अपने-अपने आइडिया पर काम करके अपने स्टार्टअप खड़े कर सकते हैं। यह एक अलग तरह का प्रयोग होगा। उन्होने बताया कि दुनिया के कई विश्वविद्यालयों में ऐसी कंपनियां काम कर रही हैं। कुलपति ने तेजी से विकसित हो रही दुनिया में नवाचार और उद्यमिता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए देश की अर्थव्यवस्था में ऐसी कंपनियों के महत्व को रेखांकित किया।
कुलपति ने उद्यमोद्य नोडल अधिकारियों को उनके संबंधित विभागों और कॉलेजों में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने का आह्वान किया। उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि नोडल अधिकारी उद्यमशील प्रतिभा की पहचान करने और उसका पोषण करने के लिए विद्यार्थियों, शिक्षकों और पूर्व विद्यार्थियों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ें और दिल्ली विश्वविद्यालय में एक संपन्न स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के साझा लक्ष्य की दिशा में सहयोग करें। कुलपति ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है और इसमें ऐसी कंपनियों का अहम योगदान रहेगा। प्रो. योगेश सिंह ने कुछ जानी मानी कंपनियों के उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय से भी ऐसी प्रतिभाएं निकल कर आनी चाहियें। उन्होंने नोडल अधिकारियों से कहा कि हमारा काम बच्चों को समझाना और उनकी सहायता करना है। अगर किसी कारण वह वह असफल हो जाते हैं तो उनपर हंसने की बजाए उनका उत्साह वर्धन करना है। कुलपति ने विद्यार्थियों से कहा कि हम आपकी सहायता के लिए हैं। देश में आज 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं। आप उनकी सफलता की कहानियों और चुनौतियों को समझें और इस कड़ी को आगे बढ़ाने का काम करें।
कार्यक्रम के दौरान वक्ता के तौर पर मौजूद हड़प्पा शिक्षा के संस्थापक डॉ. प्रमथ राज सिन्हा ने अपने करियर से उदाहरण देते हुए विद्यार्थियों को उत्साहित किया। उन्होंने नोडल अधिकारियों से आह्वान किया कि आपको बच्चों को डर से दूर रखना है। बच्चों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। डॉ. सिन्हा ने वर्तमान परिस्थितियों के संदर्भ में चर्चा करते हुए कहा कि इतना अच्छा समय आगे नहीं आएगा। इस वक्त पूरे विश्व की हालत खस्ता है। इसका हमें भरपूर लाभ मिल सकता है। यही विश्वास हमें बच्चों में डालना है, वह बहुत कुछ कर सकते हैं। प्रमथ राज सिन्हा ने पीपीटी के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने से लेकर इंक्यूबेट करने तक की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कारवाई। कार्यक्रम के आरंभ में उद्यमोद्य फ़ाउंडेशन के ज्वाइंट सीईओ डॉ. अभिषेक टंडन ने सभी का स्वागत किया और मुख्यातिथियों व फ़ाउंडेशन के बारे जानकारी प्रस्तुत की। इस अवसर पर दक्षिणी दिल्ली परिसर के निदेशक प्रो. श्री प्रकाश सिंह, डीन ऑफ कॉलेजेज़ प्रो. बलराम पानी, एसओएल की निदेशक प्रो. पायल मागो, रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता, उद्यमोद्य फ़ाउंडेशन के निदेशक और नोडल अधिकारी व विद्यार्थी उपस्थित रहे।