बीजिंग। शी जिनपिंग के फिर से चीन के राष्ट्रपति बनने के बाद उनके विचारों को देश के संविधान में जगह दी गई है, लेकिन अब खबर है कि उन्हें भगवान बनाने की कोशिशें हो रहीं हैं। खबरों के अनुसार दक्षिण-पूर्व चीन में ईसाइयों को कहा जा रहा है कि अगर उन्हें सरकारी मदद चाहिए तो उन्हें यीशु की बजाय जिनपिंग की तस्वीर घर में लगानी होगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार युगान काउंटी में हाजारों ईसाइ परिवारों को स्थानीय अधिकारियों ने कहा है कि यीशु उन्हें गरीबी से बाहर नहीं निकालेंगे और ना ही बीमारियों का इलाज करेंगे। अगर उन्हें इन मुसीबतों से बचना है तो कम्यूनिस्ट पार्टी ऐसा कर सकती है और इसके लिए लोगों को यीशु की तस्वीर हटाकर राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तस्वीर लगानी चाहिए।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार जियांगशी प्रांत में चीन की सबसे बड़ी साफ पानी की झील पोयांग के किनारे बसे इस गांव को यहां रहने वाले सबसे ज्यादा ईसाइयों की संख्या और उनकी गरीबी के लिए पहचाना जाता है। यहां की 10 लाख की आबादी में से 11 प्रतिशत लोग देश की आधिकारिक गरीबी रेखा के नीचे जी रहे हैं।
वहीं वाशिंगटन पोस्ट की एक खबर के अनुसार गांव के लोगों ने अपनी मर्जी से ईसाइ धर्म की बाते बताते 624 पोस्टर्स हटा दिए हैं और उनकी जगह शी जिनपिंग की 453 तस्वीरें लगा दी हैं। बेहद छोटे स्तर पर हो रहे इस काम ने माओ झडोंग की याद दिला दी जिनकी तस्वीर कम्यूनिस्ट देश के हर घर में नजर आती है।