गर्मी से परेशान हर किसी का मन बारिश की फुहार पड़ते ही खुश हो जाता है। बच्चों और महिलाओं को तो बारिश में भीगने में भी बहुत मजा आता है। लेकिन इस खुशनुमा मौसम में थोड़ी-सी लापरवाही बरतने, साफ-सफाई का ध्यान न रखने पर, बीमारियों की चपेट में आने की संभावना रहती है, कई तरह के इंफेक्शन भी होते हैं। लेकिन इनसे बचाव भी संभव है, बस आपको थोड़ा सजग रहने की जरूरत है।
फंगल इंफेक्शन से बचने के लिए क्या करें?
बारिश में रिंगवॉर्म यानी दाद-खाज की प्रॉब्लम बड़े-छोटे सभी को होती है। पसीना ज्यादा आने, मॉयश्चर रहने, गीले कपड़े पहनने, कपड़ों में साबुन के पार्ट रहने से ऐसा हो सकता है। इनमें रिंग की तरह रैशेज होते हैं, जो अंदर से साफ होते हैं और बाहर की तरफ फैलते जाते हैं, इनमें खुजली होती है। यह एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकते हैं। महिलाओं में वैजाइनल फंगल इंफेक्शन भी बरसात के मौसम में बहुत ज्यादा होता है। इससे वैजाइना एरिया में ईचिंग रहती है और इंटरकोर्स में दिक्कत आती है। जहां तक हो सके फंगल इंफेक्शन से प्रभावित त्वचा को स्वच्छ और सूखा रखें। डॉक्टर की सलाह पर एंटी फंगल क्रीम लगाएं और दवा लें।
एथलीट्स फुट इन्फेक्शन से कैसे बचें?
बारिश के मौसम में बहुत ज्यादा बैली पहनने वाली महिलाओं के पैरों में यह इंफेक्शन हो सकता है। उनके पैरों की अंगुलियों के बीच की स्किन गलने लगती है। ध्यान न देने पर यह इंफेक्शन नाखून तक फैल जाता है और पैरों की स्किन सफेद पड़ जाती है। पैरों की नियमित सफाई करें। जितना हो सके पैरों को हवा लगाएं, पावडर डालें। खुले सैंडल या आरामदायक फुटवियर पहनें, जिससे पैरों को हवा मिलती रहे और वे सूखे रहें। डॉक्टर के परामर्श से दवाई लें।
बालों में फंगल इंफेक्शन से कैसे बचें?
बारिश में भीगने, गीले होने, पसीने से तर-बतर होने या मॉयश्चर अधिक होने के कारण इस मौसम में बाल भी अछूते नहीं रहते हैं। उनमें भी फंगल इंफेक्शन हो जाता है। बालों में फंगल इंफेक्शन हर उम्र की महिला या व्यक्ति को हो सकता है। जिससे बालों में डेंड्रफ हो जाती है, बालों की जड़ें कमजोर पड़ जाती हैं और बाल झड़ने की समस्या भी आ जाती है। जहां तक संभव हो बालों को साफ-सुथरा और सूखा रखें। ऑयल कम लगाएं। अगर जरूरत हो तो सिर धोने से पहले ऑयल लगा लें। माइल्ड एंटी डेंड्रफ शैंपू यूज करें। सिर धोने के बाद एक नीबू का रस एक मग पानी में घोलें और इससे फिर बालों को धो लें। यह बालों के लिए बेहतरीन कंडीशनर का काम करेगा और बरसात के मौसम में बालों का मॉयश्चर कम करेगा।
गैस्ट्रोइंटराइटिस इंफेक्शन से कैसे बचें?
बारिश के मौसम में खाने-पीने की चीजों में आसानी से बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। दूषित खाना या गंदा पानी पीने से, या आइसक्रीम, चुस्की, जूस पीने से पेट में गैस्ट्रोइंटराइटिस इंफेक्शन यानी डायरिया हो जाता है। इसमें रोटावायरस और नोरोवायरस नाम के वायरस इंफेक्शन फैलाते हैं। सबसे ज्यादा बच्चों का डाइजेस्टिव सिस्टम प्रभावित होता है।
इस मौसम में खाने में थोड़ी-सी भी लापरवाही या ठीक से न बनाया गया खाना खाने की वजह से बच्चे डायरिया की चपेट में आ सकते हैं। डायरिया में मरीज को दिन में 4-5 बार पतले दस्त आते हैं। डिहाइड्रेशन हो जाता है, उल्टियां भी हो सकती हैं। पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द, मरोड़ के साथ दस्त, तेज बुखार, टॉयलेट में खून आना, बहुत कमजोरी होना जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
पीड़ित ओआरएस का घोल या नमक-चीनी की शिकंजी लगातार देते रहें। प्रोबॉयोटिक्स दही लें। उल्टी रोकने और दस्त रोकने के लिए डॉक्टर से कंसल्ट करके दवा लें। पेट में मरोड़ के लिए भी दवाई दी जाती है। इसके साथ मरीज को आधा-एक घंटे के गैप में नारियल पानी, नीबू पानी, छाछ, दाल का पानी के साथ-साथ खिचड़ी, दलिया जैसा हल्का-फुल्का खाना भी दें। बहुत ठंडा पानी पीने, बाहर की आइसक्रीम खाने या बाहर का खाना खाने से बचें। हाईजीन का भी ध्यान रखना चाहिए।