मल्टीमीडिया डेस्क। कैंसर से जूझ रहे मरीजों के लिए ये खबर निराश करने वाली हो सकती है इसके बारे में जानकारी जरूर होना चाहिये। सफल इलाज के बाद भी यह जानलेवा बीमारी उभरकर वापस आ सकती है।
कुछ कैंसर ऐसे होते हैं जो पांच साल के भीतर दोबारा उभरत हैं जबकि कुछ को दोबारा आने में एक दशक से अधिक का समय लग जाता है।
यदि आप किसी कैंसर सर्वाइवर को जानते हैं या खुद इस दौर से गुज़र रहे हैं तो आपको इसका दर्द पता होगा। आपको जानना चाहिये कि क्यों कुछ कैंसर में दोहराव होता है। आइये जानें कि कैंसर के इलाज में किन बातों का ध्यान रखना चाहिये।
सर्जरी के बाद
इसमें कोई शक नहीं कि डॉक्टर कैंसर सेल्स को हटाने का पूरा प्रयास करते हैं, बावजूद कुछ सेल्स बच जाते हैं। ऑपरेशन के पहले ये सेल्स टूटकर बिखर जाते हैं और शरीर में रह जाते हैं।
बाद में ये बढ़ते जाते हैं। ऐसे में कीमोथैरेपी, रेडियोथैरेपी, हार्मोन थैरेपी या बॉयोलाजिकल थैरेपी जारी रखना चाहिये ताकि शरीर के भीतर बचे सेल्स नष्ट हो सकें।
कीमोथैरेपी के बाद
आपको जानकार आश्चर्य होगा कि कीमोथैरेपी के बाद भी कैंसर सेल्स पनप सकते हैं। कीमोथैरेपी में इस्तेमाल ड्रग कैंसर सेल्स को नष्ट करते हैं जो कि एक से दो में बदलते हैं।
हालांकि कुछ सेल्स विखंडित नहीं हो पाते और नष्ट हो जाते हैं। इसीलिए कीमोथैरेपी एक निश्चित अंतराल के बाद की जाती है।
रेडियोथैरेपी के बाद
कैंसर सेल्स सफल रेडियोथैरेपी के बाद भी लौट आते हैं। रेडियोथैरेपी के दौरान डॉक्टर डीएनए में कैंसर सेल्स को रोकने के लिए छोटे-छोटे टुकड़े कर देते हैं। बाद में इससे कैंसर सेल्स टूट जाते हैं। हालांकि भविष्य में कुछ सेल्स दोबारा पनप जाते हैं।
बॉयोलाजिकल थैरेपी
इस थैरेपी में डॉक्टर कैंसर सेल्स की ग्रोथ को रोकते हैं। जबकि कुछ इलाज में इन सेल्स को निकाला जाता है, कुछ में सेल्स की ग्रोथ को पनपने से रोका जाता है।
हालांकि यह संभव है कि कुछ सेल्स बाद में बढ़ जाते हैं और इलाज के बाद ट्यूमर का रूप ले लेते हैं।
इलाज में रुकावट
कुछ कारणों के चलते कुछ कैंसर वापस लौट आते हैं क्योंकि इलाज में रुकावट आ जाती है। यह एक जाना माना तथ्य है कि कैंसर सेल्स स्वस्थ सेल्स होते हैं जो कि घातक हो जाते हैं। ऐसे सेल्स का इलाज कीमोथैरेपी, हार्मोन थैरेपी से होता है। इतना ही नहीं, कुछ कैंसर के इलाज में रुकावट से मल्टीपल कैंसर का भी खतरा रहता है।