नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड की डबल इंजन सरकार को विकास के लिए प्रतिबद्ध बताते हुए कहा कि आज पूरा देश वंदे भारत ट्रेन की गति से आगे बढ़ रहा है और अब यह रुकने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत को बड़ी उम्मीद से देख रही है।
प्रधानमंत्री ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देहरादून से दिल्ली (आनंद विहार टर्मिनल) जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इससे पहले उन्होंने नव विद्युतीकृत रेल खंडों को भी राष्ट्र को समर्पित किया और उत्तराखंड को 100 प्रतिशत विद्युतकर्षण राज्य घोषित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया के अपने तीन देशों के दौरे की चर्चा करते हुए कहा कि दुनिया भारत को बड़ी उम्मीदों से देख रही है। उन्होंने कहा कि जब अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और गरीबी से लड़ने की बात आती है तो भारत दुनिया के लिए आशा की किरण बन गया है।
उन्होंने भारत द्वारा कोरोना महामारी से निपटने और देश में चलाए गए दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान पर भी बात की। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक पर्यटक भारत को देखने और उसके सार को समझने के लिए भारत आना चाहते हैं। उन्होंने इसे उत्तराखंड जैसे राज्यों के लिए बड़ा अवसर बताया। मोदी ने कहा कि वंदे भारत ट्रेन भी इस अवसर का पूरा लाभ उठाने में उत्तराखंड की मदद करने वाली है।
प्रधानमंत्री ने देहरादून और दिल्ली के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस के उद्घाटन के लिए उत्तराखंड के सभी लोगों को बधाई दी और कहा कि ट्रेन देश की राजधानी को उत्तराखंड की देवभूमि से जोड़ेगी। उन्होंने बताया कि दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय और कम हो जाएगा और ऑनबोर्ड सुविधाएं सुखद यात्रा अनुभव प्रदान करेंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि ट्रेन से यात्रा करना उन लोगों के लिए पहली पसंद है जो अपने परिवार के सदस्यों के साथ हैं और वंदे भारत धीरे-धीरे परिवहन का पसंदीदा साधन बनता जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कानून व्यवस्था की स्थिति को मजबूत रखते हुए राज्य के विकास को बढ़ावा देने की सराहना करते हुए कहा कि चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार पुराने रिकॉर्ड तोड़ रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का पूरा जोर विकास के 9 रत्न ‘नवरत्न’ पर है। उन्होंने कहा कि पहला रत्न केदारनाथ-बद्रीनाथ धाम में 1300 करोड़ रुपये का पुनर्निर्माण का कार्य है। दूसरा, गौरीकुंड-केदारनाथ और गोबिंद घाट-हेमकुंट साहिब में 2500 करोड़ रुपये का रोपवे प्रोजेक्ट। तीसरा, मानस खंड मंदिर माला कार्यक्रम के तहत कुमाऊं के प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार।
चौथा, पूरे राज्य में होम स्टे को बढ़ावा देना जहां राज्य में 4000 से अधिक होम स्टे पंजीकृत हो चुके हैं। पांचवां, 16 इको टूरिज्म स्थलों का विकास। छठा, उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार। उधमसिंह नगर में एम्स का सेटेलाइट सेंटर बन रहा है। सातवां, 2000 करोड़ रुपये की टिहरी झील विकास परियोजना। आठवां, योग और साहसिक पर्यटन की राजधानी के रूप में हरिद्वार-ऋषिकेश का विकास और नौंवा टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन पर भी जल्द काम शुरु हो जाएगा।
प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों पर रेलवे क्षेत्र की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के माध्यम से देश में तेजी से विकास सुनिश्चित किया जा सकता है। लेकिन पिछली सभी सरकारें देश के विकास में नहीं बल्कि भ्रष्टाचार, घोटालों और परिवारवाद को आगे बढ़ाने में लगी रहीं। उन्होंने कहा, “पिछली सरकारें केवल राजवंशों की परवाह करती थीं। आम आदमी उनकी प्राथमिकता में नहीं था। पहले की सरकार ने केवल वादे किए और उन्हें कभी पूरा नहीं किया, लेकिन हमने सभी वादों को पूरा किया। रेलवे क्षेत्र को भी उनके (पिछली सरकार) द्वारा अनदेखा किया गया था।”
प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 तक देश के रेल नेटवर्क का केवल एक तिहाई विद्युतीकरण किया गया था जिससे तेजी से चलने वाली ट्रेन के बारे में सोचना असंभव हो गया था। प्रधानमंत्री ने कहा, “रेलवे को बदलने के लिए चौतरफा काम 2014 के बाद शुरू हुआ”। प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 से पहले हर साल औसतन 600 किलोमीटर रेल लाइन का विद्युतीकरण होता था जबकि आज हर साल 6 हजार किलोमीटर रेलवे लाइन का विद्युतीकरण हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज, देश के 90 प्रतिशत से अधिक रेलवे नेटवर्क का विद्युतीकरण किया जा चुका है। उत्तराखंड में पूरे रेल नेटवर्क का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण हासिल कर लिया गया है।