नोटबंदी, GST और लॉकडाऊन के कारण कर्जे की दलदल में फँसी जनता की क़र्ज़ा माफ़ी के समर्थन में जन्तर मंतर पर एक दिन की सांकेतिक भूख हड़ताल

asiakhabar.com | May 23, 2023 | 5:56 pm IST
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नई दिल्ली।जैसा कि हम सब हर दिन इस तरह की खबरें सुनते हैं कि कर्जे के कारण व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली, लोग पूरे-पूरे परिवार को क़र्जे के कारण समाप्त कर रहे हैं।सरकार के ही आँकड़े हैं कि पिछले पाँच वर्ष में कर्जे के कारण 50 हज़ार से अधिक लोग आत्महत्या कर चुके हैं, अकेले पिछले वर्ष ही 20 हज़ार से अधिक लोगों ने कर्जे के कारण परेशान होगा आत्महत्या की है। जनता की इसी समस्या को देखते हुए श्री शाहनवाज़ चौधरी भारतीय जी और उनकी टीम जुलाई 2022 से देश के सभी राज्यों में ऐसे लोगों की जानकारी इकट्ठा करके सरकार तक पहुँचा रहे हैं जो कि क़र्जे के कारण परेशान है। अभी तक 7 बार वित्त मंत्रालय तथा चार बार प्रधानमंत्री कार्यालय को ऐसे लोगों की जानकारी भेजी जा चुकी है जिन्होंने बताया कि नोटबंदी, GST और लॉकडाऊन के कारण उनका व्यापार बंद हो जाने या नौकरी छूट जाने के कारण वे क़र्जे की दलदल में फँसे हैं।कर्जे की दलदल में फँसे लोग चाहते हैं कि या तो सरकार किसानों और बड़े उद्योगपतियों की तरह ही उनका कर्जा भी माफ़ कर दें या कर्जा चुकाने के लिए कम से कम दो वर्ष का समय दे दें। हमारी सरकार से मुख्यतः ये तीन माँगें हैं।
1. वो लोग जो नोटबंदी, GST या लॉकडाऊन के बाद उनका व्यापार बंद हो जाने या नौकरी छूट जाने के कारण क़र्ज़े की दलदल में फँसे हैं ऐसे आम लोगों का लोन माफ़ किया जाए।
2. जिन लोगों का लोन माफ ना किया जा सके उन्हें कम से कम 2 वर्ष का समय दिया जाए। जैसे अभी अदानी जी का 12770 करोड़ का लोन Underwrite किया गया है। उसी तरह आम व्यापारियों का, नौकरी करने वाले साधारण लोगों का भी लोन भरने के लिए कम से कम दो वर्ष का समय दिया जाए।
3. जो लोग अब दुनियाँ में नहीं रहे और उनके परिवार के पास कमाई का कोई साधन नहीं है, उनका पूरा लोन माफ़ किया जाए।
अभी तक 3 लाख से अधिक लोग इस निःशुल्क कर्ज मुक्त भारत अभियान में जुड़ चुके हैं, अभियान में जुड़े लोगों को कर्जे से बाहर निकलने की निःशुल्क ट्रेनिंग भी दी जा रही है तथा उनके साथ बातचीत करके उन्हें आत्महत्या जैसे कदम उठाने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। अभी तक हम लोग 20 हजार से अधिक लोगों को आत्महत्या करने से रोक चुके हैं।
अब इन लोगों की माँगों के समर्थन में 24 मई 2023 को दिल्ली के जंतर मंतर पर एक दिन की सांकेतिक भूख हड़ताल का आयोजन किया जा रहा है जिसमें दिल्ली और आसपास के क्षेत्र के क़र्ज़ मुक्त भारत अभियान में जुड़े लोगों को बुलाया जा रहा है तथा मीडिया के माध्यम से जनता को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है कि यदि किसी व्यक्ति के ऊपर कर्जा चढ़ गया है और वह अब कर्जा नहीं चुका पा रहा है तो वह कोई गलत कदम ना उठाए।।
जनता की कर्जा माफी के संबंध में वित्त मंत्रालय तथा प्रधानमंत्री कार्यालय से अभी तक कोई संतोषजनक जवाब ना मिलने के बाद हमने देश के सभी 543 सांसदों को पत्र भेजकर इस मुद्दे पर उनकी राय भी मांगी है कि वे इस मुद्दे पर क्या राय रखते हैं? क्या उनके लोकसभा क्षेत्र की कर्जे के कारण परेशान जनता की कर्जा माफी की मांग का समर्थन करते हैं या नहीं? अभी तक जिन भी सांसदों के जवाब आए हैं उन सभी ने इन तीनों मांगों का समर्थन किया है|
24 मई 2023 को जंतर मंतर पर श्री शाहनवाज चौधरी भारतीय जी संस्थापक धार्मिक एकता ट्रस्ट तथा उनकी राष्ट्रीय टीम प्रेस वार्ता भी करेगी| इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जनता के इस ज्वलंत मुद्दे के संदेश को एक-एक नागरिक तक पहुंचाना चाहते हैं कि कर्जे के कारण परेशान कोई भी व्यक्ति कोई गलत कदम ना उठाए, यदि व्यक्ति सरकार की किसी भी गलत नीति के कारण कर्जे की दलदल में फंसा है तो इसमें उस व्यक्ति या उस परिवार की कोई गलती नहीं है | साथ ही साथ सरकार को भी आगाह करना चाहते हैं कि लोग कर्ज़े के कारण कितने परेशान है, यदि किसानों की तरह ही यह लाखों लोग भी दिल्ली आ गए तो सरकार के लिए इन्हें संभाल पाना बहुत मुश्किल होगा
आप सभी पत्रकार बन्धुओं से अनुरोध है कि वह इस मुद्दे की गंभीरता को सरकार तक पहुंचाएं कि सरकार इस विषय की गंभीरता को समझें और इस पर जल्द ही कोई ठोस कदम उठाए |


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