बाबरपुर विधानसभा में भाजपा जनचेतना अभियान की जनसभा को लेकर हुआ बवाल

asiakhabar.com | May 23, 2023 | 11:11 am IST

योगेश कौशिक
पूर्वी दिल्ली।भाजपा नवीन शाहदरा जिला द्वारा बाबरपुर विधानसभा में 100 फुटा रोड पर 20 मई को पार्टी के जन चेतना अभियान के तहत आयोजित की गई जन सभा विवादों में घिर कर रह गई। इसमें जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा व मंच को एक गुट द्वारा कब्जा करने के लगे आरोप।
बवाल इतना हुआ कि जन सभा में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक , सांसद मनोज तिवारी के होने के बाद भी कार्यकर्ताओं ने अपना रोष खुलकर जाहिर किया। उनका कहना था कि स्थानीय निवासी एवम क्षेत्र की तेज तर्रार महिला नेता पूर्व पार्षद और जिला महिला मोर्चा अध्यक्ष कुसुम तोमर व सबसे अनुभवी बाबरपुर जिला प्रभारी सुनील राणा का नाम होर्डिंग /बैनर में या कहीं भी नजर नहीं आया । यह कृत्य जानबूझकर उन्हें अपमानित करने के लिए किया गया है
उल्लेखनीय है कि कुसुम तोमर हर आंदोलन में सक्रिय रुप से जुड़ी रही। शराब की दुकानों के खिलाफ आंदोलन के समय पूरी पूरी रात सड़क पर उन्होंने संघर्ष किया। अब उन्हें वो नेता साइड लाइन कर रहे हैं जो कि उस समय अपने घरों में दुबक कर सो रहे थे। नाराज कार्यकर्ताओं का आरोप था कि निगम चुनाव के समय भाजपा के जो लोग कुसुम तोमर को हराने के लिए अपना पूरा धनबल लगाए हुए थे आज वो बाबरपुर से विधायक बनने के सपने देख रहे हैं । पार्टी के लिए इससे ज्यादा शर्म की बात और क्या हो सकती है। दुर्भाग्य की बात तो यह है कि वह लोग सांसद मनोज तिवारी के सबसे चहेते बने हुए हैं। नाराज कार्यकर्ता कहते हैं कि निगम चुनाव में जाति का जहर घोलने वाले अभी भी शांत नहीं हो रहे अपितु वह यहां के समीकरण अपने हिसाब से गिना रहे हैं और किसी को कुछ नहीं समझ रहे। सांसद मनोज तिवारी भी इन्हें लेकर गलत फहमी में है कि यह लोगों के साथ हैं लेकिन वह अपनी खिचड़ी कुछ और ही पका रहे हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है सबको पता है कि विधानसभा चुनाव के समय पार्टी प्रत्याशी नरेश गौड़ के खिलाफ खुलकर भाजपा के कौन कौन लोग काम कर रहे थे उनके खिलाफ जब कोई एक्शन नहीं हुआ। उल्टा उन्हें इनाम मिला। जिसके बाद उन्होंने इस निगम चुनाव में भी पार्टी प्रत्याशी कुसुम तोमर को हराने के लिए काम किया। पार्टी के एक प्रत्याशी को तो अपनी जीत से ज्यादा कुसुम तोमर को हराने की चिंता थी। अब वही लोग यह दिखा रहे हैं कि भाजपा के सबसे बड़े हितेषी वही हैं। नाराज कार्यकर्ताओ का आरोप हैं कि वो यहां के हालातों से जल्द प्रदेशाध्यक्ष व नए संगठन मंत्री को अवगत कराएंगे। जिससे कि संगठन को कमजोर करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही हो ना कि उन्हें इनाम दिया जाए यही की जो लोग विधानसभा के सपने देख रहे हैं बाबरपुर से उनको सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी कुसुम तोमर ही लगती है इसलिए वो मिलकर कुसुम तोमर के खिलाफ साजिश करते है पूरे कोरोना काल मे ये लोग जो आज नेता बन रहे हैं घर से बाहर नहीं निकले जबकि कुसुम तोमर पूरे कोरोना काल मे भोजन राशन,सेनेटाइजर, मास्क बांट रही थी जिनके घर मे कोरोना से मृत्यु हुई उनके घर पहुंची श्मशान घाट पर जो लोग अपनो के शव को छोड़कर भाग गए थे उनका भी अंतिम संस्कार करा रही थी।


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