मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी आज अपना 48वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश के एक छोटे-से कस्बे बुढ़ाना में 19 मई, 1974 को नवाजुद्दीन सिद्दीकी का किसान परिवार में जन्म हुआ था। एक आम व्यक्ति जैसी शक्ल सूरत वाले नवाज की अदाकारी काफी लाजवाब है। बॉलीवुड में अपनी अदाकारी का लोहा मनवाने वाले नवाजुद्दीन को सिनेमा जगत में पहचान बनाने के पीछे 15 सालों का कड़ा संघर्ष है। एक समय पर वह वॉचमैन की नौकरी करते थे। इसके अलावा वह समय निकाल कर अपने गांव खेती-किसानी करने भी जाया करते थे।
बॉलीवुड में नहीं है कोई गॉडफादर
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बॉलीवुड में अपने दम पर अपनी पहचान बनाई है। उनका इंडस्ट्री में कोई गॉडफादर नहीं है। उन्होंने आज तक इंडस्ट्री में जो कुछ भी हासिल किया। वह सब अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर हासिल किया है। आज दुनिया उन्हें एक बेहतरीन कलाकार के तौर पर जानती है। लेकिन एक सच यह भी है बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने से पहले नवाजुद्दीन ने कड़ा संघर्ष किया है। तभी आज कामयाबी उनके कदमों में है। आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए नवाजुद्दीन के उस संघर्ष के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे शायद बहुत कम लोग ही जानते हैं।
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में लिया एडमिशन
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बालीवुड का रुख करने से पहले कई नौकरियां की हैं। साल 1996 में उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लिया था। बता दें कि उन्होंने हरिद्वार में गुरुकुल कंगरी विश्वविद्यालय से बीएससी किया है। पढ़ाई पूरी करने के बाद वह वडोदरा के गुजरात में एक कंपनी में काम करने लगे। नवाजुद्दीन इस कंपनी में बतौर केमिस्ट काम करते थे। लेकिन कुछ समय बाद जब उनका इस नौकरी से मन भर गया तो उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी।
वॉचमैन की नौकरी
एक्टर ने एक किस्सा साझा करते हुए बताया था कि जब वह नौकरी छोड़कर दिल्ली आए तो अपने दोस्तों के साथ नाटक देखने गए थे। नाटक देख वह काफी खुश हुए और अपने दोस्तों से कहा कि वह भी यही करना चाहते हैं। बस इसके बाद उन्होंने एक ग्रुप ज्वाइन कर लिया। लेकिन ऐसे में उनका खर्चा निकलना भी मुश्किल हो रहा था। इसलिए खर्चा निकालने और दो वक्त की रोटी के इंतजाम के लिए नवाजुद्दीन ने शाहदरा में कुछ महीनों के लिए वॉचमैन की नौकरी की थी।
पहली फिल्म
साल 1999 में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बॉलीवुड में अपने अभिनय की शुरुआत की थी। इस दौरान उन्होंने आमिर खान की फिल्म सरफरोश में काम किया था। बता दें कि इस फिल्म में अभिनेता ने सिर्फ 30 सेकेंड की भूमिका निभाई थी। इसके बाद वह अन्य कई फिल्म जैसे शूल, जंगल, मुन्नाभाई एमबीबीएस और इमराम खान की फिल्म द बायपास आदि में काम किया था। लेकिन अभी तक अपनो इंजस्ट्री में पहचान नहीं मिली थी।
गैंग्स ऑफ वासेपुर से मिली सफलता
भले ही साल 1999 में फिल्म सरफरोश से नवाज ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की थी। लेकिन उनको असली पहचान गैंग्स ऑफ वासेपुर से मिली। अनुराग कश्यप की इस फिल्म में उन्होंने फैजल का किरदार इतनी शिद्दत से निभाया कि इस रोल से नवाज घर-घर में फेमस हो चुके थे। इस फिल्म में उनकी एग्टिंग की भी काफी सराहना की गई थी। नवाज इतने परफेक्शन के साथ अपना किरदार निभाते हैं कि लोग यह सोचकर हैरान हो जाते हैं कि आखिर वह अपने हर रोल में खुद को कैसे ढाल लेते हैं। इस दौरान उन्होंने पतंग, ब्लैक फ्राइडे फिल्म में भी काम किया।
कांस फिल्म फेस्टिवल में शामिल हुए एक्टर
साल 2012 के बाद नवाज के संघर्ष के दिनों का अंत हुआ। उनकी किस्मत ऐसी पलटी कि उन्हें दोबारा पीछे पलटकर नहीं देखना पड़ा। बता दें कि कांस फिल्म फेस्टिवल में नवाजुद्दीन सिद्दीकी की 8 फिल्में शामिल हुई हैं।
नवाजुद्दीन की पर्सनल लाइफ
साल 2009 में नवाजुद्दीन ने आलिया सिद्दीकी से शादी रचाई। जिसके बाद वह दो बच्चों के माता-पिता बने। लेकिन पिछले कुछ सालों से नवाज अपनी पत्नी आलिया से अलग रह रहे हैं। वहीं उनकी पर्सनल लाइफ में भी काफी विवाद चल रहा है। लेकिन साल 2020 में इस कपल का विवाद मीडिया के सामने आया था। एक्टर की पत्नी आलिया ने नवाज और उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए थे।