युकसोम (सिक्किम)। सिक्किम के युकसोम गांव में विश्व शांति के आह्वान तथा राज्य की संस्कृति को बढ़ावा देने के मकसद से पहले सिक्किम कला एवं साहित्य महोत्सव (एसएएलएफ) की शुरुआत हुई।
राज्य सरकार और ‘टीमवर्क आर्ट्स’ के सहयोग से ऐतिहासिक स्थल नोरबुगांग में आयोजित इस महोत्सव में जलवायु परिवर्तन, वन्यजीव संरक्षण, इतिहास, संस्कृति और जातीयता, कविता, वास्तुकला, लोककथाओं, मानसिक स्वास्थ्य और पूर्वोत्तर के साहित्य सहित व्यापक विषयों पर चर्चा होगी।
शनिवार को उद्घाटन समारोह में सिक्किम के शिक्षा मंत्री कुंगा नीमा लेपचा ने कहा कि कला और साहित्य लोगों को एकजुट कर सकते हैं और विश्व शांति के सपने को साकार करने में मदद कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी इस बात से अवगत हैं कि कला और साहित्य मानव सभ्यता के आरंभ से ही उसका अभिन्न अंग रहे हैं। अभिव्यक्ति के ये दो रूप हमारी संस्कृति की रीढ़ रहे हैं। हम जानते हैं कि यह साहित्य और कला ही है जो हमें विशेष रूप से विश्व शांति के संदर्भ में एक दूसरे को जानने और एकजुट करने का अवसर देती है।’’
उन्होंने कहा कि इस तरह के महोत्सव विभिन्न अनुभवों को साझा करने के अवसर पैदा करने और ‘‘युद्ध और लोभ से ग्रस्त’’ दुनिया में इंसानियत के मार्ग में एक लंबा रास्ता तय करेंगे।
कार्यक्रम में कृषि मंत्री एल. एन. शर्मा, लोकसभा सदस्य इंद्र हैंग सुब्बा और विधायक आदित्य गोले तमांग भी शामिल हुए।
सुब्बा ने कहा कि महोत्सव का उद्देश्य देश के बाकी हिस्सों के साथ सिक्किम की पारंपरिक कला और संस्कृति को जोड़ना है। एसएएलएफ का समापन आठ मई को होगा।