मुंबई। एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय के बाद एमएससीआई अपडेट को लेकर दोनों दिग्गज कंपनियों में सप्ताहांत पर करीब छह प्रतिशत की भारी गिरावट के दबाव में बीते सप्ताह कमजोर रहे घरेलू शेयर बाजार की चाल अगले सप्ताह खुदरा महंगाई के आंकड़े और कंपनियों के तिमाही नतीजे से तय होगी।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 58.15 अंक की मामूली गिरावट के लेकर सप्ताहांत पर 61054.29 अंक पर आ गया। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 18069 पर सपाट रहा। हालांकि आलोच्य अवधि में बीएसई की दिग्गज कंपनियों के विपरीत मझौली और छोटी कंपनियों में लिवाली हुई, जिससे मिडकैप 359.43 अंक की तेजी लेकर 25851.86 अंक और स्मॉलकैप 366.8 अंक मजबूत होकर 29283.87 अंक पर पहुंच गया।
विश्लेषकों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के मजबूत प्रवाह और अनुकूल घरेलू मैक्रोइकोनॉमिक डेटा की सहायता से घरेलू बाजार बीते सप्ताह की शुरुआत में सकारात्मक बना रहा। अप्रैल में विनिर्माण पीएमआई और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह, नए कारोबार में वृद्धि, उपभोक्ता मांग में मजबूत उछाल और आपूर्ति श्रृंखला की स्थिति में सुधार के कारण बेहतर रहा।
निवेश सलाह देने वाली कंपनी जिओजित फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि हालांकि भविष्य की दरों में बढ़ोतरी और यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) की आक्रामक नीति अपनाने पर अपनी भाषा को नरम करने के बावजूद बढ़ी हुई मुद्रास्फीति पर फेड रिजर्व की चिंताओं के कारण वैश्विक बाजार में अस्थिरता उभरी है। हम उम्मीद करते हैं कि निरंतर विदेशी प्रवाह और अनुकूल घरेलू मैक्रोइकॉनॉमिक स्थितियां नकारात्मक पक्ष से बचाव करेंगी।
कंपनियों का समाप्त वित्त वर्ष की चौथी तिमाही का आय अनुमान 11 प्रतिशत वार्षिक है इसलिए, परिणामों का अगला सेट बेहतर होने की संभावना है और यह निवेशक भावना का समर्थन करेगा। अगले सप्ताह अमेरिका और भारत में अप्रैल का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी होने वाले हैं। इसका असर बाजार पर देखा जा सकेगा।
इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर अगले सप्ताह कोल इंडिया, एलटी, टाटा मोटर्स, आईजीएल, कैनरा बैंक, इंडियन बैंक, बीएमडब्ल्यू, एस्कॉर्ट, ल्युपिन, सिप्ला और डॉ. रेड्डीज जैसी दिग्गज कंपनियों की चाैथी तिमाही के परिणाम जारी होने वाले हैं, जिसका बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। इसके अलावा कच्चे तेल की कीमत, डॉलर सूचकांक एवं विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के निवेश प्रवाह पर भी निवेशकों की नजर रहेगी। एफआईआई अप्रैल में अबतक 5,527.76 करोड़ रुपये के शुद्ध लिवाल रहे हैं। वहीं, इस अवधि में घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 2,735.25 करोड़ रुपये की बिकवाली की है।
सोमवार को महाराष्ट्र दिवस के अवसर पर अवकाश के कारण बीते सप्ताह बाजार में चार दिन ही कारोबार हुआ। एशियाई बाजारों की तेजी से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर ऊर्जा, आईटी, यूटिलिटीज, धातु, तेल एवं गैस और पावर समेत 17 समूहों में हुई लिवाली की बदौलत दोनों मानक सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी की उड़ान मंगलवार को लगातार आठवें दिन भी जारी रही। सेंसेक्स 242.27 अंक की तेजी लेकर 61354.71 अंक और निफ्टी 82.65 अंक की बढ़ोतरी के साथ 18147.65 अंक पर पहुंच गया।
वैश्विक बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर दूरसंचार, आईटी, तेल एवं गैस और टेक समेत तेरह समूहों में हुई बिकवाली से बुधवार को सेंसेक्स 161.41 अंक की गिरावट लेकर 61193.30 अंक और निफ्टी 57.80 अंक फिसलकर 18089.85 अंक पर आ गया।
अमेरिकी फेड रिजर्व के उम्मीद के अनुरूप ब्याज दरों में एक बार फिर बढ़ोतरी करने के बाद वैश्विक बाजार की मिलीजुली प्रतिक्रिया के बीच स्थानीय स्तर पर एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, रिलायंस और टाटा स्टील समेत इक्कीस दिग्गज कंपनियों में हुई लिवाली की बदौलत गुरुवार को सेंसेक्स 555.95 अंक की छलांग लगाकर 61749.25 अंक और निफ्टी 165.95 अंक की उड़ान भरकर 18255.80 अंक पर रहा। एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय के बाद एमएससीआई अपडेट को लेकर दोनों दिग्गज कंपनियों में करीब छह प्रतिशत की भारी गिरावट से हतोत्साहित निवेशकों की अन्य अठारह कंपनियों में हुई बिकवाली के दबाव में शुक्रवार को सेंसेक्स 694.96 अंक का गोता लगाकर 61054.29 अंक और निफ्टी 186.80 अंक लुढ़ककर 18069 अंक पर आ गया।