नई दिल्ली। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) के अध्यक्ष रास बिहारी ने पंजाब के लुधियाना में टाइम्स नाऊ-नवभारत की संवाददाता भावना कुमारी और दो अन्य की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। साथ ही उन पर बनाए गए सभी मामले वापस लेने की मांग की है। संगठन की तरफ से चेतावनी दी गई है कि मीडियाकर्मियों पर दर्ज मामले वापस न लेने पर आंदोलन छेड़ा जाएगा।
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स से संबद्ध नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) के अध्यक्ष रास बिहारी ने इस बारे में केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह को पत्र भेजकर जांच कराने की मांग की है। गृहमंत्री को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल के बारे में खुलासे करने पर यह बदले की कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा की आम आदमी सरकार बदले लेने के लिए घटिया स्तर पर उतर आई है।
पत्र में कहा गया है कि पंजाब के लुधियाना में पुलिस ने टाइम्स नाऊ-नवभारत की पत्रकार भावना कुमारी, उनके साथ यात्रा कर रहे मृत्युंजय कुमार और ड्राइवर को एक महिला को टक्कर मारन के आरोप में गिरफ्तार किया है। इन लोगों पर एससी-एसटी एक्ट भी लगा दिया गया है। पंजाब पुलिस की तरफ से बताया गया है कि लुधियाना कमिश्नरेट पुलिस ने 5 मई 2023 को एक तेज रफ्तार कार से एक महिला को टक्कर मारने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। टक्कर लगने से उसके दाहिने हाथ में चोट आई और अपमानजनक भाषा का भी इस्तेमाल किया। गिरफ्तार लोगों की पहचान भावना कुमारी, मृत्युंजय कुमार और चालक परमिंदर सिंह के रूप में हुई है। प्रशासन ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए आरोपियों को हिरासत में लिया और उनसे पूछताछ की जा रही है। एक केस एफआईआर नं. 41 दिनांक 5.5.23 को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 279, 337 और 427 और एससी और एसटी अधिनियम की धारा 3 और 4 के तहत पुलिस स्टेशन डिवीजन नंबर 3 सेंट्रल सबडिवीजन लुधियाना में दर्ज किया गया है।
रास बिहारी ने कहा कि हैरानी की बात है कि सड़क पर टक्कर मारने के आरोप के साथ ही मीडियाकर्मियों पर गालीगलौज और एससी-एसटी एक्ट लगा दिया गया। मीडियाकर्मियों को आरोप लगाने वाली महिला की जाति के बारे कैसे पता होगा। इससे साबित होता है कि मीडियाकर्मियों की आवाज दबाने के लिए पंजाब सरकार के इशारे पर यह कार्रवाई की गई है।
एनयूजे अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा कि पत्रकार भावना कुमारी पर बदले की कार्रवाई के तहत यह मामला बनाया गया है। बाहर से गए किसी व्यक्ति को कैसे पता होगा कि जो टक्कर लगने की शिकायत कर रहा है कि उसकी जाति क्या है। पुलिस ने नियमों के विपरीत बिना किसी महिला पुलिस के भावना को गिरफ्तार किया। हैरानी की बात यह है कि एफआईआर बाद में दर्ज की गई और भावना कुमारी को पहले गिरफ्तार कर लिया गया। एससी-एसटी एक्ट में कार्रवाई करने से पहले जांच की प्रक्रिया भी नहीं अपनाई। मीडियाकर्मियों की गिरफ्तारी से पंजाब पुलिस की कार्रवाई पर कई सवाल खड़े हो गए।
एनयूजेआई ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार की मीडिया को दबाने की इस कार्रवाई से पूरे देश के मीडिया जगत में रोष व्याप्त है। आप सरकार की इस कार्रवाई के खिलाफ एनयूजेआई ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है।