अहमदाबाद। वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने शनिवार को गुजरात उच्च न्यायालय से कहा कि राहुल गांधी की ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी से जुड़े एक आपराधिक मानहानि मामले की सुनवाई प्रक्रिया को लेकर ‘‘गंभीर दोषपूर्ण तथ्यों के आधार पर’’ कांग्रेस नेता की दोषसिद्धि हुई।
सिंघवी ने उच्च न्यायालय में गांधी की ओर से दलील देते हुए यह टिप्पणी की। उच्च न्यायालय राहुल गांधी की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें इस आपराधिक मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाने के सूरत सत्र अदालत के आदेश को चुनौती दी गई है।
न्यायमूर्ति हेमंत प्राच्छक ने सत्र अदालत के 20 अप्रैल के आदेश को चुनौती देने वाली गांधी की आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई की। यदि उच्च न्यायालय इस याचिका को मंजूर कर लेता है, तो इससे गांधी को फिर से संसद सदस्य बनाए जाने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।
इससे पहले न्यायमूर्ति गीता गोपी की अदालत के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए इस मामले का उल्लेख किया गया था। न्यायमूर्ति गोपी ने बाद में खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था और फिर न्यायमूर्ति प्राच्छक को यह मामला सौंपा गया था।
सिंघवी ने उच्च न्यायालय में दलील देते हुए कहा कि सुनवाई प्रक्रिया को लेकर ‘गंभीर दोषपूर्ण तथ्यों’’ के कारण यह दोषसिद्धि हुई। उन्होंने कहा, ‘‘एक लोक सेवक या एक सांसद के मामले में, इसके उस व्यक्ति और निर्वाचन क्षेत्र के लिए भी ऐसे बहुत गंभीर परिणाम होते हैं, जिन्हें बाद में बदला नहीं जा सकता। इसके फिर से चुनाव को लेकर भी कठोर परिणाम होते हैं।’