संयुक्त राष्ट्र। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के दूत द्वारा यहां कश्मीर मामला उठाए जाने के बाद अपने पड़ोसी देश की आलोचना की और कहा कि कोई भी बयानबाजी या दुष्प्रचार इस तथ्य को नहीं बदल सकता कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश, देश का ‘‘अभिन्न’’ हिस्सा हैं और रहेंगे।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की बैठक में जम्मू-कश्मीर का मामला उठाया था, जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में सलाहकार प्रतीक माथुर ने यह टिप्पणी की।
माथुर ने ‘वीटो के इस्तेमाल’ पर बुधवार को आयोजित महासभा की बैठक में कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश भारत के अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा हैं। किसी भी देश द्वारा दी गई गलत सूचना, बयानबाजी या दुष्प्रचार इस तथ्य को नहीं बदल सकते।’’
पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न बैठकों में जम्मू-कश्मीर का मामला लगातार उठाता रहा है, भले ही उस बैठक का एजेंडा कुछ भी रहा हो या चर्चा का कोई भी विषय हो। भारत ने लगातार इस बात पर जोर दिया है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा हैं।
इससे पहले सोमवार को भी संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी राजदूत रुचिरा कंबोज ने सुरक्षा परिषद की बैठक में पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर का मामला उठाने के बाद कहा था कि वह ऐसी ‘‘बेकार’’ टिप्पणियों का जवाब देकर परिषद का समय बर्बाद नहीं करेंगी।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ‘‘ अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को बनाए रखना: संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों को कायम रखते हुए प्रभावी बहुपक्षवाद’’ विषय पर चर्चा के दौरान कंबोज ने पाकिस्तान की टिप्पणियों का कड़ा जवाब दिया।
इस महीने सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता रूस कर रहा है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव सोमवार को बहस की अध्यक्षता कर रहे थे, तभी मुनीर अकरम ने अपने बयान में जम्मू-कश्मीर का जिक्र किया।
इस पर कंबोज ने कहा, ‘‘अंत में, इस सम्मानित मंच ने आज एक स्थायी प्रतिनिधि द्वारा कुछ बेकार की टिप्पणियां सुनीं जो विशुद्ध रूप से अज्ञानता और औपनिवेशीकरण के बुनियादी तथ्यों पर समझ की कमी के कारण की गईं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन टिप्पणियों का जवाब देकर इस परिषद का समय बर्बाद नहीं करूंगी…।’’
भारत सरकार ने पांच अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान रद्द कर जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा वापस ले लिया था। इसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत के फैसले पर पाकिस्तान ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उससे राजनयिक संबंध सीमित कर लिए और भारतीय दूत को निष्कासित कर दिया।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट रूप से कहा है कि अनुच्छेछ 370 को निष्प्रभावी करना उसका आंतरिक मामला है। उसने पाकिस्तान को वास्तविकता को स्वीकार करने और भारत विरोधी दुष्प्रचार बंद करने की भी सलाह दी। भारत ने पाकिस्तान से कहा कि वह आतंकवाद, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में उसके साथ सामान्य पड़ोसी वाले संबंध कायम करने की इच्छा रखता है।