वाशिंगटन। अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा कि भारत और अमेरिका की साझेदारी ऐसे पड़ाव पर है, जो न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि दुनिया के भी हित में है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत में बड़े बदलाव हो रहे हैं।
संधू ने बुधवार को यूएस कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद भवन) में भारतीय-अमेरिकियों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और अमेरिका अपने संबंधों को और गहरा कर रहे हैं और भारतीय प्रवासी विशिष्ट रूप से बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में कुछ बडे़ बदलाव हो रहे हैं, जो भारत-अमेरिका की साझेदारी में भी नजर आते हैं।’’
संधू ने कहा, ‘‘वाणिज्य मंत्री (जीना) रायमोंडो ने कुछ दिन पहले कहा था, उन्होंने साझेदारी शब्द का इस्तेमाल किया। मुझे लगता है कि इसका पहला और सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि भारत एक प्राचीन सभ्यता है, लेकिन साथ ही यह एक बहुत युवा देश भी है।’’ उन्होंने कहा कि भारत के 1.4 अरब लोगों में से 50 प्रतिशत 26 साल के हैं। इसका तात्कालिक नतीजा यह है कि 2070 तक भारत सबसे अधिक युवाओं वाला देश बना रहेगा…।
संधू ने बुधवार को ‘कांग्रेशनल इंडिया कॉकस’ के सह-अध्यक्ष रो खन्ना द्वारा आयोजित भारत-अमेरिका शिखर सम्मेलन में यह बयान दिया। इस कार्यक्रम में मौजूद प्रतिनिधि सभा में विपक्ष के नेता हकीम जैफरीज ने कहा कि साझा लोकतांत्रिक मूल्यों तथा साझा रणनीतिक हितों के कारण अमेरिका और भारत के बीच संबंध महत्वपूर्ण रूप से बढ़ते रहेंगे, खासकर संसाधन संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र में…।
भारत, अमेरिका और कई अन्य विश्व शक्तियां इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति की पृष्ठभूमि में एक स्वतंत्र, मुक्त और संपन्न हिंद-प्रशांत को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दे रही हैं। जैफरीज ने कहा, ‘‘अमेरिका और भारत के बीच संबंध अब महत्वपूर्ण हैं और हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के कारण इसकी महत्ता बढ़ती रहेगी। भारत के दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्य और हमारे साझा रणनीतिक हित, खासकर हिंद-प्रशांत में समान हैं। ’’