जो लोग बाजार से फास्ट फूड खाने के अधिक शौकीन हैं वे सावधान हो जाएं, क्योंकि एक नवीनतम शोध में पाया गया है कि फास्ट फूड जैसे बर्गर, पिजा आदि न केवल मोटापा बढ़ाते हैं बल्कि हमारे लिवर के लिए भी घातक हैं। शोध में पाया गया कि अधिकतर छात्रों का वजन औसत 14 पौंड बढ़ गया और उनकी कमर के नाप में 2.6 इंच वृध्दि हुई। छात्रों के रक्त की जांच करने पर पाया गया कि इन छात्रों के रक्त में लिवर एंजाइम का स्तर एक सप्ताह में ही काफी बढ़ गया था। शोधकर्ताओं का कहना है कि कभी-कभी ये पदार्थ खाने तो ठीक है किन्तु इन्हें नियमित खाना लिवर के लिए काफी हानिकारक हो सकता है।
बीमारियों के घर है की-बोर्ड
कम्प्यूटर पर काम करते हुए शायद आपने यह कभी सोचा भी नहीं होगा कि कम्प्यूटर का की-बोर्ड आपको बीमारियां भी दे सकता है पर सच्चाई यही है। हमारा की-बोर्ड बहुत से खतरनाक कीटाणुओं और विषाणुओं का आवास बन जाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार हमारे कम्प्यूटर में ई-कोली और एस आयुरस सहित बहुतसे विषाणु पाये जाते हैं। ब्रिटिश दैनिक द गार्जियन में प्रकाशित एक शोध के अनुसार अधिकतर लोग इस समस्या की ओर ध्यान नहीं देते जो उनके पर्सनल कम्प्यूटर पर पनप रही होती है। यदि आप अपने कम्प्यूटर को नियमित रूप से साफ नहीं करते हैं तो उस पर काम करना कुछ वैसा ही है मानो आप कमोड पर बैठकर लंच कर रहे हों। इस शोध के दौरान चार हजार से अधिक लोगों से सवाल जवाब किये गये।
शोधकर्ताओं ने पाया कि 22 फीसदी लोग तथा 27 फीसदी लोग क्रमशः महीने में एक बार अपनी की बोर्ड और मोनीटर साफ करते हैं। दस में से एक ने कहा कि वे कभी ऐसी जहमत नहीं उठाते जबकि 20 फीसदी ने कहा कि उन्होंने कभी अपना माउस साफ नहीं किया। की-बोर्ड पर इतनी बड़ी संख्या में विषाणुओं के पनपने का मुख्य कारण यह होता है कि लोग अपने डेस्क पर बैठकर ही खाते पीते रहते हैं। इसके परिणामस्वरूप खाद्य पदार्थों के छोटे-छोटे टुकड़े की-बोर्ड की खाली जगहों में गुसकर सड़ना शुरू कर देते हैं और इस तरह से लाखों विषाणु वहां अपना घर बना लेते हैं। ऐसे लोगों के साथ हालात और खतरनाक हो जाते हैं जो शौचालय इस्तेमाल करने के बाद अपने हाथ उचित तरीके से नहीं धोते। शोध में यह भी पाया गया कि नमी के साथ धूल विषाणुओं के पनपने के लिए सर्वाधिक श्रेष्ठ स्थिति होती है।
दांत गिरने से बढ़ सकता है कैंसर का खतरा
दांत गिरने से मनुष्य को खाने पीने संबंधी कठिनाइयां तो होती ही हैं और अब अक अध्ययन में पाया गया है कि दांत गिने से कैंसर की संभावना भी बढ़ जाती है। जापानी शोधकर्ताओं द्वारा किये गये एक शोध के अनुसार जिन लोगों के दांत फिर जाते हैं, उन्हें ईसोफिगल कैंसर होने की संभावना 136 प्रतिशत बढ़ जाती है जबकि मुंह, नाक और गले का कैंसर होने की संभावना 68 प्रतिशत बढ़ जाती है। फेफड़ों का कैंसर होने की संभावना भी 54 प्रतिशत बढ़ जाती है। कैंसर एपिडेमोलोजी, बायोमार्कर्ज एण्ड प्रीवेंशन पत्रिका में शोध के अनुसार जितने अधिक दांत गिरे हैं, उतनी ही कैंसर होने की संभावना अधिक होती है। शोधकर्ताओं ने 5240 कैंसर रोगियों और 10, 480 अन्य लोगों का अध्ययन करके ये जानकारी प्राप्त की। शोधकर्ताओं के अनुसार यह संभव है कि दांतों का ध्यान रखने और सूजन आदि के कारण दांत गिरते हैं, उसी के कारण शायद यह कैंसर पैदा होते हैं।इस शोध के लिए स्वीडिश शोधकर्ताओं ने 18 पतले स्वस्थ छात्रों का चयन किया और उन्हें दिन में दो बार फास्ट फूड रेस्टोरेंट में खाना खाने को कहा गया। साथ ही निष्क्रिय जीवन शैली को भी अपनाने को कहा गया। भोजन में प्रायः ये लोग हैरबर्गर और ऐसे खाद्य पदार्थ खाते थे जिनमें सेचुरेटेड एनीमल फैट भारी मात्रा में हो। इनके भोजन का खर्च शोधकर्ताओं द्वारा ही वहन किया गया।