नई दिल्ली।दिल्ली विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ लोंग लर्निंग (आईएलएलएल) द्वारा भीमराव अंबेडकर की 132 वीं जयंती पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन वर्तमान में भारत द्वारा जी-20 की अध्यक्षता और अंबेडकर द्वारा रचित क्लासिक कृति “द प्रॉब्लम ऑफ रुपया” के 100 साल पूरे होने के तत्वावधान में किया गया। था। गौरतलब है कि 1923 में, डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से डॉक्टरेट की पढ़ाई पूरी की थी और अपनी क्लासिक कृति “द प्रॉब्लम ऑफ़ रुपया” की रचना की थी। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राज्य सभा सदस्य प्रो. राकेश सिन्हा पहुंचे। उनके साथ विशिष्ट अतिथि के तौर पर दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. धनंजय जोशी उपस्थित रहे। इस अवसर पर डीयू के डीन ऑफ कॉलेज प्रो. बलराम पाणि विशेष अतिथि रहे और समारोह की अध्यक्षता डीएसडबल्यू प्रो. पंकज अरोड़ा द्वारा की गई।
कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में मुख्य अतिथि प्रो. राकेश सिन्हा ने डॉ. अम्बेडकर की विचारधारा को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने शिवाजी महाराज की पौराणिक रणनीति की कहानी के माध्यम से शिजावी और अंबेडकर की उस विरासत पर प्रकाश डाला जो संविधान में मूल्य जोड़ती है और स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के लिए अद्वितीय स्थान प्रदान करती है। प्रो. सिन्हा ने कहा कि अम्बेडकर जैसे भारत के महान नेताओं का जीवन और कार्य हमें धैर्य, सहनशीलता, प्रगतिशील सोच और मानवता के कल्याण के लिए चिंतन की हमारी ऐतिहासिक विरासत की याद दिलाते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान पीढ़ी द्वारा इस तरह की दृष्टि और कार्रवाई को पुनर्जीवित करने और विकसित करने की आवश्यकता है।
विशिष्ट अतिथि प्रो. धनंजय जोशी ने भारतीय संविधान को आकार देने में डॉ. अंबेडकर के योगदान के महत्व पर प्रकाश डाला। डीन ऑफ कॉलेज प्रो. बलराम पाणि ने अपने संबोधन में डॉ. बीआर अम्बेडकर की 132वीं जयंती पर ‘अकादमिक लेखन कार्यक्रम’ के सफल आयोजन के लिए संस्थान को बधाई दी। उन्होंने आह्वान किया कि दुनिया को रोशन करने वाली आग बनें और अन्याय व भेदभाव के खिलाफ खुलकर लड़ें। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डीएसडबल्यू प्रो. पंकज अरोड़ा ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए संस्थान को बधाई दी। उन्होंने श्रोताओं से आह्वान किया कि डॉ. अंबेडकर के विचारों पर मनन करें और उनका अनुसरण करें। दिल्ली विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ लोंग लर्निंग (आईएलएलएल) के निदेशक प्रो. संजय रॉय ने कार्यक्रम के आरंभ में सम्मानित अतिथियों का परिचय दिया व स्वागत किया। उन्होंने ‘अकादमिक लेखन कार्यक्रम’ के सफल समापन के लिए टीम को बधाई भी दी। कार्यक्रम के समापन पर ट्यूटर्स और विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र वितरण किया गया। समारोह के अंत में प्रो. युक्ति शर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।