मुंबई: वैश्विक स्तर पर अलग अलग केंद्रीय बैंकों द्वारा मॉनेटरी पॉलिसी को लेकर सख्ती, बढ़ रही महंगाई, ग्लोबल ग्रोथ सुस्त पड़ने और कमोडिटी की कीमतें बढ़ने जैसी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, भारत सरकार और कॉरपोरेट्स ने कुशल और प्रभावी रिस्क मैनेजमेंट ( जोखिम प्रबंधन) की रणनीतियों को लागू करके लचीलेपन का प्रदर्शन किया है। यह कॉरपोरेट इंडिया रिस्क इंडेक्स (CIRI) 2022 के तीसरे संस्करण में साफ तौर पर दिखता भी है। CIRI कंपनियों में रिस्क का पता करने वाला एक टूल है। कॉरपोरेट इंडिया रिस्क इंडेक्स के तीसरे एडिशन के लिए आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने अग्रणी मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म फ्रॉस्ट एंड सुलिवन (Frost and Sullivan) के साथ मिलकर एक स्टडी की है। जिसमें यह पाया गया कि रिस्क इंडेक्स स्कोर बढ़ रहा है। यह साल 2021 में 62 था, जो 2022 में बढ़कर 63 हो गया। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड भारत की लीडिंग निजी सामान्य बीमा कंपनी है, जो इंडिया इंक के लिए अपनी तरह का पहला रिस्क इंडेक्स तैयार करने में आगे रही है। वहीं कंपनी द्वारा इंडिया रिस्क मैनेजमेंट अवॉर्ड्स (IRMA) दिया जाता है, जो उन कंपनियों का मान्यता देता है, जिनका रिस्क गवर्नेंस प्रैक्टिस बेहद मजबूत है।
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के कॉरपोरेट इंडिया रिस्क इंडेक्स (CIRI) 2022 में 6 व्यापक आयामों में 32 रिस्क एलिमेंट शामिल हैं और यह वैश्विक जोखिम प्रबंधन के सबसे बेहतर प्रथाओं पर आधारित है। इंडेक्स पर एक हाई स्कोर बेहतर जोखिम प्रबंधन का प्रतीक है, जिससे कंपनियां प्रभावी जोखिम प्रबंधन को अपनाने में सक्षम हो पाती हैं।
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के एमडी और सीईओ, भार्गव दासगुप्ता और फ्रॉस्ट एंड सुलिवन (Frost and Sullivan) के ग्लोबल प्रेसिडेंट अरूप जुत्शी ने CIRI 2022 लॉन्च कार्यक्रम में में बात की। इंडिया रिस्क मैनेजमेंट अवार्ड्स के 9वें संस्करण में, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने लार्ज और मीडियम सेक्टर के 250 से अधिक कॉर्पोरेट्स को मान्यता दी और उन्हें सम्मानित किया, जिन्होंने बेहतर और आदर्श जोखिम प्रबंधन मूल्यों का प्रदर्शन किया है।आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के एमडी और सीईओ, भार्गव दासगुप्ता ने CIRI 2022 लॉन्च पर कहा कि आईसीआईसीआई लोम्बार्ड कॉरपोरेट रिस्क इंडेक्स रिपोर्ट कंपनियों को उनके जोखिम प्रोफाइल का मूल्यांकन और प्रबंधन करने के लिए जागरूकता के साथ ही जरूरी टूल प्रदान करती है। साथ ही उन्हें लंबी अवधि में निरंतर विकास और विपरीत परिस्थितियों से पार पाने का अधिकार देती है। कॉरपोरेट रिस्क इंडेक्स के तीसरे संस्करण में बढ़ा हुआ स्कोर वैश्विक स्तर पर विपरीत परिस्थितियों और चुनौतियों का सामना करने के लिए कॉरपोरेट्स द्वारा अपनाई गई कुशल जोखिम प्रबंधन का एक मजबूत प्रमाण है। जैसे जैसे हम आगे बढ़ते हैं, कंपनियों के लिए कर्व से आगे रहना और व्यापक व कुशल जोखिम प्रबंधन प्रथाओं को अपनाना महत्वपूर्ण हो जाता है।
फ्रॉस्ट एंड सुलिवन (Frost and Sullivan) के ग्लोबल प्रेसिडेंट अरूप जुत्शी ने कहा कि इंडिया स्टोरी की ताकत इस बात में दिखती है कि कॉरपोरेट इंडिया रिस्क इंडेक्स स्कोर में साल-दर-साल लगातार सुधार हो रहा है। हम बड़ी संख्या में सेक्टर्स को बेहतर रिस्क इंडेक्स की ओर बढ़ते हुए देख रहे हैं, जैसे दूरसंचार और संचार, एयरोस्पेस और डिफेंस और शिक्षा व कौशल विकास। यह भी देखा गया है कि लार्ज और मीडियम साइज के भारतीय एंटरप्राइज लचीले हो रहे हैं। साथ ही बाजार और अर्थव्यवस्था को स्थानांतरित करने और जियो-पॉलिटिकल मुद्दों के चलते परिचालन संबंधी जोखिमों को परिपक्वता के स्तर के साथ मैनेज कर रहे हैं। जो लगातार बदलती जोखिम वाली दुनिया में अपने हितों की रक्षा करने की भारत की यात्रा की ओर इशारा कर रहा है।
2022 रिस्क इंडेक्स सभी 20 सेक्टर को ‘सुपीरियर’ या ‘ऑप्टिमल रिस्क हैंडलिंग’ में दिखाता है। जिसमें 7 सेक्टर ऑटोमोटिव, एफएमसीजी, टूरिज्म, हेल्थकेयर, टेलिकॉम, फार्मास्यूटिकल्स और न्यू एज ‘सुपीरियर’ हैंडलिंग का प्रदर्शन करते हैं।
‘एयरोस्पेस एंड डिफेंस’ सेक्टर ने रिस्क इंडेक्स में सबसे अधिक सुधार दिखाया, जो 2021 में 52 से 2022 में बढ़कर 63 हो गया। ऐसा सरकार और एंटरप्राइज आधारित पहल के कारण संभव हुआ। ट्रेडिशनल सेक्टर भी तकनीकी जोखिमों जैसे साइबर खतरों और इनोवेशन रिस्क के लिए तैयारी कर रहे हैं।
टूरिज्म व हॉस्पिटैलिटी और ट्रांसपोर्टेशन एंड लॉजिस्टिक जैसे सेक्टर ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी और आतंकवाद के कारण होने वाले व्यवधानों से कुशलता से निपट रहे हैं। हालांकि, मेटल एंड माइनिंग और केमिकल एंड पेट्रोकेमिकल सेक्टर में बाहरी मैक्रो-इकोनॉमिक फैक्टर के कारण जोखिम प्रबंधन में गिरावट दिखी।
कॉरपोरेट इंडिया रिस्क इंडेक्स पर कॉरपोरेट्स के प्रदर्शन पर प्रकाश डालने के अलावा, स्टडी में जोखिम को कम करने और 2023 में एक बेहतर जोखिम इंडेक्स स्कोर हासिल करने के उपायों की सिफारिश की गई है। इनमें सिनेरियो प्लानिंग के माध्यम से जोखिम की कल्पना करना, समग्र दृष्टिकोण के माध्यम से जोखिम को कम करना और कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए भविष्य के आउटकम को लेकर एनालिसिस करना शामिल है।