तेहरान। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने मंगलवार को देश के सैन्य दिवस के अवसर पर इजराइल को फिर धमकी दी। हालांकि, वह सऊदी अरब की आलोचना से दूर रहे, क्योंकि शिया बहुल ईरान सुन्नी बहुल सऊदी अरब से तनाव को कम करने का इच्छुक है।
रईसी ने यह टिप्पणी टेलीविजन पर प्रसारित सैन्य दिवस कार्यक्रम के दौरान की जिसके तहत लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टर ने तेहरान के ऊपर से उड़ान भरी और ईरानी पनडुब्बियों ने अपनी जल सीमा के भीतर अपने ताकत का प्रदर्शन किया।
समारोह को संबोधित करते हुए रईसी ने इजराइल को धमकी दी। तेहरान मानता है कि विश्व शक्तियों के साथ हुए परामणु समझौते के खंडित होने के बाद इजराइल ने उसके ठिकानों और लोगों पर लक्षित हमले किए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘दुश्मनों को, खासतौर पर यहूदी शासन को समझ लेना चाहिए कि हमारे देश के खिलाफ की गई छोटी सी भी कार्रवाई का हमारे सशस्त्र बल सख्त जवाब देंगे जिसका नतीजा हाइफा और तेल अवीव की तबाही के रूप में सामने आएगा।’’
रईसी ने अमेरिका के पश्चिम एशिया को छोड़कर चले जाने की मांग भी दोहराई। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति जिम्मी कार्टर के शासन के समय से ही फारस की खाड़ी क्षेत्र को सुरक्षा प्रदान करने की अमेरिकी की नीति रही है, क्योंकि यह वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति के लिए अहम है। दुनिया का करीब 20 प्रतिशत तेल व्यापार हार्मुज की खाड़ी के रास्ते होता है।
रईसी ने अपने भाषण में सऊदी अरब का उल्लेख नहीं कर एक तरह से संबंधों में सुधार का हाथ बढ़ाया है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमारी सेनाएं गर्मजोशी से क्षेत्र के देशों से हाथ मिलाएगी ताकि इलाके की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।’’
गौरतलब है कि इस साल मार्च में सऊदी अरब और ईरान की चीन की मध्यस्थता में समझौता हुआ था जिसके तहत दोनों देश करीब सात सालों के बाद राजनयिक संबंध स्थापित करने और एक दूसरे देशों में दूतावासों को खोलने पर सहमत हुए थे।