काठमांडू। भारत की प्रमुख महिला पर्वतारोही बलजीत कौर (27) नेपाल के ‘माउंट अन्नपूर्णा’ के शिखर से उतरते समय ‘चौथे कैंप’ के पास से लापता होने के एक दिन बाद मंगलवार को सकुशल मिल गईं। एक अभियान आयोजक अधिकारी ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी।
‘पायनियर एडवेंचर’ के अध्यक्ष पसंग शेरपा ने ‘हिमालयन टाइम्स’ को बताया कि एक ‘हवाई खोज दल’ ने उनका (कौर का) पता लगाया। बलजीत ने दुनिया की दसवीं सबसे ऊंची चोटी पर, सोमवार को ऑक्सीजन के बिना चढ़ाई कर कदम रखा था। लेकिन उतरते वक्त वह लापता हो गई थीं।
पसंग शेरपा ने कहा, ‘हम उन्हें उच्च शिविर (चौथे कैंप) से हेलीकॉप्टर के जरिये वापस लाने की तैयारी कर रहे हैं।’ शेरपा के मुताबिक, हवाई खोज दल ने कौर को चौथे कैंप की ओर अकेले उतरते देखा था।
एक रिपोर्ट के अनुसार, कौर शिखर बिंदु के नीचे अकेली रह गई थीं और आज सुबह तक रेडियो संपर्क से बाहर थीं। मंगलवार की सुबह जब एक हवाई खोज अभियान शुरू हुआ तब वह ‘तत्काल मदद’ के लिए एक रेडियो सिग्नल भेजने में कामयाब रहीं।
शेरपा के अनुसार, कौर की जीपीएस लोकेशन ने 7,375 मीटर (24,193 फुट) की ऊंचाई का संकेत दिया। वह सोमवार शाम करीब सवा पांच बजे दो शेरपा गाइड के साथ माउंट अन्नपूर्णा के शिखर पर पहुंची थीं। उन्हें ढूंढने के लिए कम से कम तीन हेलीकॉप्टरों को लगाया गया था।
पिछले साल मई में, हिमाचल प्रदेश की बलजीत कौर ने ‘माउंट ल्होत्से’ को फतह किया और एक ही सीज़न में 8000 मीटर ऊंची चार चोटियों पर चढ़ने वाली पहली भारतीय पर्वतारोही बनीं।
राजस्थान के किशनगढ़ निवासी अनुराग मालू सोमवार को अन्नपूर्णा पर्वत के तीसरे कैंप से उतरते समय लापता हो गए थे। जिसके बाद नेपाली समाचार पत्र ‘द हिमालयन टाइम्स’ ने बताया कि सोमवार को चौथे कैंप से नीचे उतरते समय 6000 मीटर की ऊंचाई से हिम दरार में गिरने से उनकी (मालू की) मौत हो गई।
‘सेवन समिट ट्रेक्स’ के अध्यक्ष मिंगमा शेरपा ने बताया कि सर्दियों के मौसम में ‘के-2’ के शिखर पर पहुंचने वाले आयरलैंड के पहले व्यक्ति नोएल हन्ना ने कल रात ‘चौथे कैंप’ में अंतिम सांस ली। आयोजकों ने कहा कि मालू और हन्ना के शव को आधार शिविर वापस लाने के प्रयास जारी हैं।
माउंट अन्नपूर्णा दुनिया का दसवां सबसे ऊँचा पर्वत है, जो समुद्र तल से 8,091 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसकी चढ़ाई अत्यंत दुर्गम होती है।