वाशिंगटन। भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि दुनिया भर में हो रहे बदलावों के बीच वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में नया भारत निवेश गंतव्य की भूमिका निभाने को तैयार है। अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम की पहल पर आयोजित भारत दशक में निवेश विषयक गोलमेज सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने नए भारत की वैश्विक स्वीकृति की वास्तविकता को रेखांकित किया।
भारतीय वित्तमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, भारत की सुधार गति बेरोकटोक बनी हुई है। उन्होंने भारत सरकार द्वारा केंद्रीय बजट 2023-24 के माध्यम से रखे गए कई संरचनात्मक और शासन सुधारों के बारे में भी विस्तार से बताया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अमृत काल के दौरान नए भारत की दृष्टि को वास्तविक रूप से प्राप्त किया जा सके। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि दुनिया भर के लोगों द्वारा प्रौद्योगिकी और डिजिटलीकरण उपकरणों को अपनाने की दर से भारत इसे दोगुनी गति से अपना रहा है, जिससे उनका जीवन प्रभावी रूप से आसान हो गया है। सीतारमण ने बताया कि डिजिटलीकरण अभियान में स्थानीय भाषाएं शामिल हैं क्योंकि अधिकांश संवैधानिक भाषाओं की अब भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) प्लेटफॉर्म तक पहुंच है।
भारतीय वित्तमंत्री अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष व विश्व बैंक की वार्षिक बैठक में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका आई हुई हैं। उन्होंने मेरीलैंड के ग्रीनबेल्ट में नासा के नैन्सी ग्रेस रोमन स्पेस टेलीस्कोप सेंटर का दौरा किया। वहां वैज्ञानिकों ने उन्हें जानकारी दी कि स्पेस टेलिस्कोप नासा की वेधशाला है जिसे डार्क एनर्जी, एक्सोप्लैनेट और इन्फ्रारेड एस्ट्रोफिजिक्स के क्षेत्रों में आवश्यक प्रश्नों को हल करने के लिए डिजाइन किया गया है। टेलीस्कोप का नाम डॉ. नैन्सी ग्रेस रोमन के नाम पर रखा गया है, जो नासा की पहली महिला कार्यकारी अधिकारी और खगोल विज्ञान की पहली प्रमुख भी थीं। उन्हें हबल स्पेस टेलीस्कोप की जननी के रूप में जानी जाती हैं।
निर्मला सीतारमण ने सऊदी अरब के वित्तमंत्री मोहम्मद अलजादान के साथ भी मुलाकात की। इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती पर जोर देने के साथ वैश्विक ऋण संकट और बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूत करने पर चर्चा हुई। अलजादान ने एक ट्वीट में कहा कि मंत्री निर्मला सीतारमण और उन्होंने जी20 के एजेंडे और दोनों देशों के बीच हुई प्रगति पर चर्चा की।
वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा कि अन्य बातों के अलावा, दोनों नेताओं ने विश्व बैंक के विकास रोडमैप और जी20 इंडिया प्रेसीडेंसी द्वारा गठित बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूत करने पर विशेषज्ञ समूह के बारे में चर्चा की। उन्होंने वैश्विक मुद्रास्फीति के मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें विकासशील और कम आय वाले देशों की वृद्धि की संभावनाओं पर किए गए उपायों के स्पिलओवर प्रभाव शामिल हैं। इसके अलावा बढ़ते वैश्विक ऋण संकट से निपटने और सामान्य ढांचे के कार्यान्वयन में सुधार की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया।