कुर्सी का कर रहे जुगाड़

asiakhabar.com | April 2, 2023 | 4:43 pm IST
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हरी राम यादव
धू धू कर जल रहा देश,
धर्म जाति की आग में।
फैली चिंगारी बैमनस्य की,
समरस देश की बाग में।
समरस देश की बाग में,
सेंक रहे रोटियां नेता ।
दे रहे बयान ऐसे ऐसे,
जैसे हों वे बड़े अध्येता ।
विषबाण से वे अपनी अपनी,
कुर्सी का कर रहे जुगाड़।
जिन बातों में न सच्चाई,
बना रहे उसे तिल का ताड़ ।।
समझ लो जनता देश की,
मत लड़ो मैदान बुहार ।
अपने आजू बाजू के लोग से,
मत कीजिए हरी तकरार।
मत कीजिए हरी तकरार,
रार क्यों उनसे तुम्हारी।
जिनके लिए तुम लड़ रहे,
वे तो हैं तलवार दुधारी ।
जैसे मतलब निकला तुमसे,
तैसे खतम तुमसे उनकी यारी।
मत आना बहकावे में उनके,
रगड़ेंगे तुमको बारी बारी।।


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