नई दिल्ली:दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज राष्ट्रीय स्तर का चैंबर ऑफ कॉमर्स है। देश मे अपनी तरह का यह इकलौता चैम्बर ऑफ कॉमर्स है जो उद्यमिता, क्षमता निर्माण और बाजार से संबंधित हस्तक्षेपों और उपायों के माध्यम से वंचित समुदायों (एससी और एसटी) के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये राष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रहा है।
डिक्की पिछले 18 वर्षों में समावेशी विकास की पैरवी कफ्ट हुए नीति निर्माण में अहम भूमिका निभाता आ रहा है। डिक्की ने भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने और आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में अपने कार्यक्रमों में नए आयाम जोड़ने का संकल्प लिया है । इसके अंतर्गत अपने मे एजेंडे में समान विचारधारा वाले संगठनों के साथ साझेदारी और उस पर अमल करना है।
डिक्की का नेतृत्व G20 प्रक्रिया की विविधता और समावेशिता पर B20 एक्शन ग्रुप में सक्रिय रूप से शामिल है।
दुनिया भर में वंचित तबकों के उद्यमियों को सार्थक/प्रभावी सहयोग प्रदान करने वाले उपकरणों या नीतिगत पहलों में से एक ‘आपूर्तिकर्ता विविधता’ है। यह उद्यमियों को आपूर्ति श्रृंखलाओं में शामिल करने और एकीकृत करने के बारे में है। यह आर्थिक गतिविधियों और विकास के विस्तार की ओर ले जाता है, संपत्ति सृजित करता है और छोटे व्यवसायों में रोजगार भी पैदा करता है।
श्री फ्रेडरिक एंडरसन, कॉर्पोरेट और अंतर्राष्ट्रीय संबंध निदेशक एनबीसीसी के नेतृत्व में एनबीसीसी, यूएसए के एक 7-सदस्यीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल ने डिक्की राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया और देश भर के डिक्की बिजनेस लीडर्स के साथ बातचीत की और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
पद्मश्री डॉ. मिलिंद कांबले, संस्थापक अध्यक्ष, डिक्की ने कहा कि, यह एमओयू दोनों भागीदारों को बेस्ट प्रेक्टिसेस को साझा करने में मदद करेगा और व्यापार विकास के कई पहलुओं में सहयोग और साझेदारी की सुविधा प्रदान करेगा। इससे इस प्रकार एक संस्थागत ढांचा तैयार होगा।
पद्मश्री रविकुमार नार्रा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, डिक्की ने कहा कि यह साझेदारी आने वाले वर्षों में एक स्थायी संबंध बनाने की दिशा में भारत और अमरीका के बीच सहयोग को बढ़ावा देगी।
नेशनल ब्लैक चैंबर ऑफ कॉमर्स (एनबीसीसी) एक 30 साल पुराना संगठन है और उद्यमिता के माध्यम से अफ्रीकी अमेरिकी समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने पर केंद्रित है। इसका मुख्यालय वाशिंगटन डीसी में है।