दार अस सलाम। अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस अपने सप्ताह भर लंबे अफ्रीका दौरे के अंतिम पड़ाव के रूप में शुक्रवार को जाम्बिया के लुसाका में रुकेंगी और उन्हें वहां विशाल नया हवाई अड्डा नजर आएगा।
यह हवाई अड्डा उत्साहजनक स्थानीय विकास का प्रतीक होने के बजाय यहां चीन के गहरे होते प्रभाव की ओर इशारा करता है।
इस परियोजना को चीन ने वित्तपोषित किया है। यह प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न महाद्वीप में चीन की बढ़ती छाप का एक उदाहरण है।
अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती वैश्विक प्रतिद्वंद्विता की पृष्ठभूमि में हैरिस की यह यात्रा हो रही है। और सबसे अधिक यह बात जाम्बिया तथा इससे पहले तंजानिया में उनके पड़ाव के दौरान नजर आई।
चीन ने लुसाका में हवाई अड्डे के अलावा 60,000 लोगों के बैठने की क्षमता वाला स्टेडियम और देशभर में सड़कें तथा पुल बनाये हैं।
तंजानिया चीन का बड़ा व्यापार साझेदार है।
इन सभी घटनाक्रम ने अमेरिका को सचेत कर दिया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रशासन इस बात को लेकर चिंतित है कि अफ्रीका चीन के प्रभाव में उसकी ओर झुकता जा रहा है।
हैरिस ने अपनी यात्रा के दौरान इस विषय को अधिक तवज्जो नहीं दी और भूराजनीतिक प्रतिस्पर्धा से मुक्त साझेदारी के निर्माण पर ध्यान देने को प्राथमिकता दी है।
हालांकि, उन्होंने माना कि अमेरिका के पास इस महाद्वीप में पैठ बढ़ाने के लिए सीमित समय है।
उन्होंने इस यात्रा के दौरान कुछ दिन पहले संवाददाताओं से कहा था, ‘‘मुझे नहीं लगता कि गुंजाइश है और हमने एक रिश्ते में निवेश करने की हमारी प्रतिबद्धता और हमारी इच्छा को दिखाने का समन्वित प्रयास किया है।’’