वाशिंगटन। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन अमेरिका की यात्रा पर हैं, जिसका मकसद चीन के बढ़ते खतरे के बीच यह दिखाना है कि कई राष्ट्र उनके स्वशासित द्वीप के मित्र हैं।
ताइवान यह बहुत सोच-समझकर तय कर रहा है कि साई यात्रा के दौरान कहां रुकेगी और वह हमेशा की तरह इस बार भी वाशिंगटन में किसी वरिष्ठ अमेरिका नेता के साथ आधिकारिक बैठक नहीं करेंगी। दरअसल चीन ने कहा है कि ऐसा किए जाने की स्थिति में वह कड़ी प्रतिक्रया देगा। साई बुधवार को न्यूयॉर्क पहुंचीं। उनकी यात्रा की कुछ जानकारियां ही सार्वजनिक की गई हैं।
वाशिंगटन में एक वरिष्ठ चीनी राजनयिक जू शुएयान ने देश में कहीं पर साई एवं केविन मैक्कार्थी के बीच एक अपेक्षित बैठक होने की ओर इशारा किया। उन्होंने बुधवार को एक डिजिटल सत्र में संवाददाताओं से कहा कि इस बैठक के समग्र रूप से गंभीर परिणाम होंगे और इसका अमेरिका एवं चीन के संबंधों पर ‘‘गंभीर’’असर पड़ेगा।
अमेरिका के सीनेटर रोबर्ट मेनेंदेज ने कहा कि किसी अमेरिकी अधिकारी का साई से अनौपचारिक रूप से मुलाकात करना संकेत देता है कि ताइवान के प्रति अमेरिका का समर्थन ‘‘मजबूत और स्पष्ट’’ है।
साई ने अमेरिका रवाना होने के लिए विमान में बैठने से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘‘ताइवान स्वतंत्रता और लोकतंत्र के मूल्यों की दृढ़ता से रक्षा करेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बाहरी दबाव दुनिया के साथ जुड़ने के हमारे संकल्प को बाधित नहीं कर पाएगा।’’
ताइवान पर राजनयिक दबाव हाल में बढ़ गया है। होंडुरास ने ताइवान के साथ संबंध समाप्त करने के बाद चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित कर लिए है। ताइवान को अब वेटिकन सिटी समेत केवल 13 संप्रभु देश मान्यता देते हैं।