ग्राम “काही” जनपद “अम्बेडकर नगर उत्तर प्रदेश” निवासी युवा कवि साहित्यकार विजय कनौजिया को देश की विशिष्ट एवं उत्कृष्ट साहित्यिक संस्था “विश्व हिन्दी रचनाकार मंच (पंजीकृत न्यास)” द्वारा संचालित ‘सम्मान योजना’ के अंतर्गत राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में रचनात्मक योगदान के लिए “हिन्दी सागर सम्मान” से सम्मानित किया गया।
श्री कनौजिया को यह सम्मान मंच द्वारा संचालित “रचनाकार प्रोत्साहन योजना” के अंतर्गत चयनित कर “ऑनलाइन व्यवस्था” के अंतर्गत प्रदान किया गया।
“विश्व हिन्दी रचनाकार मंच” के सस्थापक/अध्यक्ष “श्री राघवेन्द्र ठाकुर जी” एवं संयोजक मण्डल के डॉ. मुक्ता जी, डॉ. सुशील राकेश जी, विनीत मोहन औडिच्य जी, डॉ. शोभा त्रिपाठी जी तथा डॉ. सपन जी और शुभकामनाएं प्रेषित करने वाले सभी साहित्यिक मित्रों व शुभचिंतकों का श्री कनौजिया जी ने बहुत-बहुत आभार प्रकट किया ।
श्री कनौजिया अपने जीवन को निरंतर साहित्य सेवा में योगदान हेतु प्रयासरत रहते हैं । जिनमें उनके साहित्यिक जीवन को संबल प्रदान करने हेतु देश की विशिष्ट एवं ख्यातिलब्ध साहित्यिक संस्थाओं ने अनेकों बार सम्मानित भी किया है । जिनमें “श्री नर्मदा प्रकाशन लखनऊ उत्तर प्रदेश” से सुदीर्घ साहित्य साधना एवं सेवा हेतु “सुमित्रानंदन पंत स्मृति सम्मान”, साहित्य समर्पण सम्मान, उजेश साहित्य सम्मान, आत्म सृजन साहित्य सम्मान, वागेश्वरी साहित्य सम्मान । ‘नवीन कदम साहित्यिक संस्था छत्तीसगढ़’ द्वारा “स्वामी विवेकानंद साहित्य सम्मान” व “माँ वीणापाणि साहित्य सम्मान 2020” तथा ‘साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली’ द्वारा “साहित्य सारथी गौरव सम्मान 2019” आदि प्रमुख हैं ।
श्री कनौजिया मुख्य रूप से प्रेम कविताओं के लिए जाने जाते हैं जिनकी कविताएँ व समसामयिक विषयों पर आधारित आलेख राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विशिष्ट ख्यातिलब्ध समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित होती रहती हैं । विगत वर्ष भी श्री कनौजिया को “विश्व हिन्दी रचनाकार मंच (पंजीकृत न्यास)” द्वारा उत्कृष्ट साहित्य सेवा हेतु “उत्तर प्रदेश साहित्य गौरव सम्मान २०२२” तथा वर्तमान वर्ष में “बसंत काव्य गौरव सम्मान २०२३” से सम्मानित किया जा चुका है।