प्रीति पटेल ने दिया इस्तीफा, जानें कौन हैं वह और क्यों हैं चर्चा में

asiakhabar.com | November 9, 2017 | 4:52 pm IST

लंदन। इजराइल के पीएम से मुलाकात करने के बाद विवादों में घिरीं, ब्रिटेन में भारतीय मूल की जानी मानी मंत्री प्रीति पटेल ने इस्तीफा दे दिया है। कंजर्वेटिव पार्टी की नेता प्रीति ने अगस्त में इजराइल दौरे के बीच वहां के पीएम से गोपनीय मुलाकात की थी, जिसे राजनयिक प्रोटोकोल का उल्लंघन माना गया था।

प्रीति पटेल को कंजर्वेटिव पार्टी का चमकता चेहरा माना जाता है। वो पार्टी में कई अहम पदों पर रह चुकी हैं। वह प्रधानमंत्री थेरेसा मे की कैबिनेट में अकेली अल्पसंख्यक जातीय महिला थीं। जानते हैं उनके पद को छोड़ने से थेरेसा मे की सरकार पर क्या असर पड़ा और क्या वे विदेशी राजनायिकों से नहीं मिल सकती थीं…

विदेशी राजनयिकों से मिलना सही या गलत

प्रीती पटेल अपने प्रोफाइल के अनुसार, विदेशी राजनायिकों से मिल सकती थीं। यह उनके काम का हिस्सा था, लेकिन उनके ऊपर इस्तीफा देने का दबाव इसलिए बना क्योंकि उन्होंने इसके बारे में जानकारी नहीं दी थी। बताते चलें कि अगस्त में छुट्टियों के दौरान प्रीती ने कई इजराइली राजनेताओं और व्यवसायियों से मुलाकात की थी, लेकिन इसके बारे में डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनेशनल डेवलपमेंट को जानकारी नहीं दी थी।

गार्जियन अखबार को दिए साक्षात्कार में प्रीती पटेल ने दावा किया था कि उन्होंने अपने इजरायल दौरे के बारे में विदेश सचिव बोरिस जॉनसन को जानकारी दी थी। मगर, विदेश कार्यालय के अधिकारियों ने उनके खिलाफ जानकारी दी।

प्रीती ने स्वीकार किया कि उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू और देश के सुरक्षामंत्री से मुलाकात की थी। उसने खुलासा किया कि वह देश में कम से कम 12 बार इजराइली अधिकारियों से मिली थीं।

अब थेरेसा मे सरकार और प्रीती का क्या होगा

हाल के सप्ताह में इस्तीफा देने वाली दूसरी मंत्री प्रीती पटेल बनी हैं। गार्जियन का कहना है कि थेरेसा मे पर ब्रेक्सिट का समर्थन करने वाली विंग से दबाव बन सकता है। प्रीती पटेल का पद छोड़ना ब्रेक्सिटर्स के लिए बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है।

इजरायली अधिकारियों और पीएम से मुलाकात के खुलासे के बाद युगांडा और इथियोपिया के आधिकारिक दौरे पर अफ्रीका गईं अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री को अपना दौरा बीच में ही छोड़कर लौटना पड़ा था।

मुश्किलें कम नहीं हुईं हैं सरकार की

वहीं, इससे पहले रक्षा सचिव सर माइकल फॉलन को यौन उत्पीड़न के आरोप में पद छोड़ना पड़ा था। हालांकि, वह इस दावे से साफ तौर पर इंकार करते रहे हैं। थेरेसा के एक और करीबी डैमिएन ग्रीन पर भी इसी तरह के आरोप लगे हैं और कैबिनेट ऑफिस इन आरोपों की जांच कर रही है।

उधर, विदेश सचिव बोरिस जॉनसन को भी पद से हटाए जाने की मांग की जा रही है। दरअसल, वह ईरान की जेल में बंद ब्रिटिश महिला की रिहाई कराने में असफल रहे हैं।
थेरेसा मे की सरकार अल्पमत में है और जून में सदन का बहुमत हार जाने के बाद सामने आए एक के बाद एक कई विवादों ने सरकार को प्रभावित किया है।
क्या है ब्रेक्जिट
ब्रिटेन ने बीते साल फैसला किया था कि वह यूरोपियन यूनियन (ईयू) का हिस्सा बनकर नहीं रहना है। ईयू से ब्रिटेन के निकलने को ही ब्रेक्जिट कहा गया। यूरोपियन यूनियन 28 यूरोपियन देशों का एक समूह है, जिसकी एक दूसरे से राजनीतिक और आर्थिक साझेदारी है।
इस समूह के बनने के बाद इसके सदस्य-देशों की जनता और सामान की आवाजाही बिना किसी रोकटोक के होती है। इस समूह के 19 देशों के बीच व्यापार के लिए यूरो मुद्रा चलती है। इसके अलावा पर्यावरण, परिवहन, ग्राहक अधिकारों को लेकर भी एक ही नियम लागू रहता है

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