काठमांडू। नेपाल में 10 साल तक चले माओवादियों के सशस्त्र अभियान के दौरान जान गंवाने वाले हजारों लोगों को प्रचंड सरकार ने इस मार्च महीने के प्रथम सप्ताह में राष्ट्रीय शहीद का दर्जा दिए जाने का फैसला लिया था। प्रचंड सरकार ने इन ‘शहीदों’ के नाम अब गजट में भी प्रकाशित कर दिया है।
प्रधानमंत्री प्रचंड के प्रेस सलाहकार मनहरी तिमिल्सिना ने बताया कि सीपीएन (एमसी) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने नेपाल के सभी 77 जिलों से शहीदों के नाम मंगवाए थे। अब इन नामों को 13 मार्च के गजट में प्रकाशित किया गया है। उन्होंने बताया कि सभी 77 जिलों के प्रशासन को गजट प्रकाशन की आधिकारिक जानकारी दे दी गई है।
उल्लेखनीय है कि नेपाल में 13 फरवरी 1996 को शुरू हुआ माओवादियों का सशस्त्र अभियान 21 नवंबर 2006 को शांति समझौते के साथ ही समाप्त हो गया था। इस दौरान माओवादियों, सुरक्षाबलों और नागरिकों सहित 17 हजार से अधिक लोगों की जान चली गई थी। माओवादियों के इस सशस्त्र अभियान को पीपुल्स वार के नाम से भी जाना जाता है। गजट में सात हजार से अधिक लोंगों के नाम हैं।
माओवादी मांग करते रहे हैं कि सशस्त्र गतिविधियों में जान गंवाने वाले लोगों को राष्ट्रीय शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए। माओवादी सशस्त्र अभियान के सुप्रीम कमांडर पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद इन लोगों को शहीद का दर्जा दिया गया है। प्रचंड सीपीएन (एमसी) के अध्यक्ष भी हैं।