ऋषिकेश: ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट, पूर्णानंद घाट में महिलाओं द्वारा की जा रही गंगा आरती में महिलाओं द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर गंगा के पावन तट पूर्णानंद घाट पर महिलाओं के समान अवसर, नेतृत्व,सुखद समन्वय एवं उत्तम स्वास्थ्य की प्रार्थना की। महिलाओं का उत्साहवर्धन करने व उनमें छुपी प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए विशेष गंगा आरती की गई।ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट के अध्यक्ष हरिओम शर्मा ज्ञानी जी ने कहा कि किसी भी समाज की प्रगति उस समाज में महिलाओं और पुरुषों द्वारा हासिल की गई प्रगति से मापी जाती है । इस वर्ष की थीम “डिजिटऑलः लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी”। ट्रेन की टिकट बुकिंग, प्रियजनों को सन्देश, बैंक लेनदेन ,शिक्षा, खरीदारी, चिकित्सा नियुक्ति की बुकिंग ,यहाँ तक कि बच्चों के लिए वर-वधु ढूंढना,वर्तमान में सब कुछ एक डिजिटल प्रक्रिया से सम्पन्न हो पाता है।महिलाएं आज भी इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करती हैं या यूँ कहिये इंटरनेट का उपयोग करने में असमर्थ और असहज हैं, लड़कों की तुलना में उनके पास बेहतर स्मार्ट फ़ोन नहीं हैं इस लिये ऑनलाइन असुरक्षित महसूस करती हैं।डॉ. ज्योति शर्मा ने कहा कि कहा कि वर्तमान समय मे समाज की रूढ़ियों को तोड़कर विभिन्न क्षेत्रो में कार्य कर महिलाएं दूसरो के लिए उदाहरण बन रही है।योग स्वच्छ गंगा अभियान की सरस्वती रावत ने महिलाओ के बारे में वार्ता के साथ ही विभाग से संबंधित समस्त योजनाओ की जानकारी, हेल्पलाइन नम्बर आदि की जानकारी प्रदान की।
सुषमा बहुगुणा ने कहा आज प्रदेश के गाँवों-कस्बों अथवा शहरों में पुरूषपरक सोचे जाने वाले कार्यो में रूढ़िवादी परंपराओं को पीछे छोड़कर महिलाएं न केवल अपनी पहचान बना रही बल्कि दूसरों को प्रेरणा दे रही है।महिला गंगा आरती में आचार्य सोनिया राज, महिला गंगा आरती में मुख्य रूप डॉ. ज्योति शर्मा, सुषमा बहुगुणा, प्रमिला लोग स्वच्छ गंगा अभियान से ऐना देवी, कमलेश्वरी नेगी, कोरी मेहर, लक्ष्मी बडोला, मधुलता रतूड़ी, रीता और गायत्री आदि महिलाओं ने गंगा आरती की।