ग्रेटर नोएडा। कोरोना महामारी के दौरान लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी, जिस कारण लोगों को दफनाने और मुखाग्नि देने के लिए भी जगह कम पड़ गई थी। पुराण काल के दौरान ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों ने हिंडन नदी पर एक श्मशान घाट बनाने की मांग की थी, लेकिन कोरोना कॉल भी जाने के बाद भी अभी तक श्मशान घाट नहीं बन पाया है और प्राधिकरण दूसरे मुद्दों को लेकर मशरूफ है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण द्वारा बोर्ड में यह प्रस्ताव पास करा दिया गया था। इस प्रस्ताव के तहत बिसरख गांव के खसरा नंबर 104 और 105 में 5 एकड़ भूमि में श्मशान घाट बनाया जाना था। श्मशान घाट को एफएनपी केयर कंपनी द्वारा निशुल्क तैयार कराया जाएगा। साथ ही 15 साल द्वारा उसका संचालन भी किया जाएगा। इस प्रस्ताव के तहत इलेक्ट्रिक क्रेमाटोर और एनिमल क्रेमाटोर भी बनाया जाएगा। इसे दो साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन अभी तक मैं तो कोई कार्य शुरू हुआ है, ना ही श्मशान घाट को लेकर कोई कार्रवाई की जा रही है।
प्राधिकरण नहीं दे रहा ध्यान
वही, हिंडन नदी के किनारे ग्राम सफीपुर में रामलीला कमेटी द्वारा श्मशान घाट चलाया जा रहा है। लेकिन, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासी पिछले 2 सालों से बार-बार श्मशान बनवाने की मांग कर रहे हैं जिस पर प्राधिकरण कोई गौर नहीं दे रहा है। जिस वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
निवासियों ने बनाया अस्थाई श्मशान घाट
लोगों ने प्राधिकरण की ओर से कोई भी समाधान ना निकलने के बाद एक अस्थाई शमशान बना लिया है। लेकिन, वहां दाह संस्कार करने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। निवासियों ने बताया कि एक सामाजिक संस्था फ्री कार्य करने को तैयार है, फिर भी प्राधिकरण इस कार्य को करने में कोई भी रुचि नहीं दिखा रहा है।