मल्टीमीडिया डेस्क। संपूर्ण विश्व में अलग-अलग संप्रदाय, धर्म और संस्कृति को मानने वाले लोग हैं और सभी धर्मों में अपने-अपने रीति रिवाज भी होते हैं। कुछ रिवाज तो ऐसे भी होते हैं जो अजीब होने के साथ मानवीय संवेदना विचलित करने वाले होते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी ही अजीब रीति रिवाजों के बारें में बताने जा रहे हैं जो कि विश्व के विभिन्न भागो में मनाई जाती है।
मृतक के केश, चीन-
चीन के मिआओ जनजाति में यह परंपरा बहुत ही अजीब प्रकार से मनाई जाती है। इस जनजाति में अब केवल 5000 लोग ही शेष बचे हैं। इसके बाद भी यह अपने परंपराओं को मनाने में कोई कोताही नहीं करते हैं। इस अलौकिक परंपरा में यह जनजाति मरे हुए लोगों के केशों को उनके शरीर से निकाल कर उससे विग की बुनाई की जाती है। इसके अलावा भी इस जनजाति की महिलाएं बालों में कंघी करते समय निकले बालों को भी संभालकर रखती हैं और इसकी सहायता से विग का निर्माण करती हैं।
पूर्वजों के बालों से बनाए गये इस विग को विशेष त्योहारों के मौके पर श्रृंगार के रूप में पहना जाता है। हालांकि इस जनजाति में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं के बालों का विग मिलता है। क्योंकि उनके केश ज्यादा होते हैं।
मृत शरीर के आस पास नृत्य करना, मेडागास्कर-
मेडागास्कर में एक अलग ही रिवाज है। मेडागास्कर में आदमी के मरने के बार त्योहार जैसा माहौल होता है। यहां के परिवार एक अजीब रस्म फामाडिहाना (टर्निग ऑफ द बोन्स) मनाते हैं। इस रस्म में लोग कब्र से लाश को फिर से निकाल उनकी शव यात्रा निकालते हैं। इस दौरान नए कपड़े पहने जाते हैं। शव को भी एक नए साफ कपड़े में लपेटते हैं और फिर उसके साथ ही नाचते-गाते हैं। नाच-गाने के लिए तेज संगीत भी बजाया जाता है। जानवरों की बलि दी जाती है और मेहमानों व परिवारजनों के बीच मांसाहारी भोजन बांटा जाता है।
मृतकों की राख खाना, अमेजन-
मृतकों की राख खाने की यह अजीब परंपरा अमेजन वर्षावन में रहने वाले योनोमी जनजाति द्वारा प्रचलित है। योनोमी लोगों का मानना है कि इनके संप्रदाय के लोगों की मौत स्वाभाविक रूप से नहीं होती बल्कि इसके बजाय दुश्मन जनजाति के जादूगर द्वारा भेजी एक बुरी आत्मा के कारण होती है। उनका विश्वास है कि यह आत्मा समुदाय में किसी व्यक्ति की मृत्यु का बदला लेने के लिए आती है। इसलिए, मृतक के समुदाय में प्रियजनों का अंतिम संस्कार से 30 से 45 दिनों के बाद एक समारोह का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी रिश्तेदार उनके अस्थियों से बने सूप में मृतक की राख डालकर पीना पड़ता है।
दुल्हन का अपहरण, किर्गिस्तान-
यह एक अजीब परंपरा है जो अभी भी किर्गिस्तान, मोल्दोवा और चेचन्या जैसे क्षेत्रों में जारी है। इस परंपरा में जो भी व्यक्ति किसी लड़की से विवाह करना चाहता है वह अपने मित्रों की मदद से उक्त लड़की का अपहरण कर लेता है। वहां इसे कोई अपराध नहीं समझा जाता है क्योंकि इस परंपरा के अनुसार अपहरण के बाद लड़के तथा लड़की के परिवार के लोग इस विवाह को संपन्न कराते हैं। यह यहां की एक सामान्य परंपरा है जो वर्षों से चली आ रही है।
बच्ची को उपर उछालना, कर्नाटक-
आज भी कर्नाटक के कुछ भागों में यह विवादित परंपरा को मनाया जाता है। इसमें 2 वर्ष से छोटी लड़की को लगभग 30 फीट की उंचाई से मंदिर के गुंबद तक उछाला जाता है। इसके बाद एक कंबल की मदद से लड़की को नीचे खड़े लोगों के द्वारा पकड़ लिया जाता है। हालांकि लड़की को सुरक्षित रोक लिया जाता है लेकिन उम्र को देखकर ऐसा करना खतरे से खाली नहीं है।