जगदलपुर। बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में फरवरी माह में नक्सली
अपने टीसीओसी अभियान में एक के बाद एक नक्सली वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। फरवरी महीने
में नक्सलियों ने तीन भाजपा नेताओं की हत्या करने के बाद लगातार अपनी मौजूदगी दिखाते हुए
बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में नक्सल वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। संभाग के अलग-अलग
जिलों में हुई नक्सली घटनाओं में विगत दो दिन में पांच जवान शहीद हो गये हैं।
सुकमा जिले में शनिवार को हुई मुठभेड़ में 03 जवानों की शहादत के बाद शनिवार के देर शाम ही
कांकेर जिले में नक्सलियों ने दूसरी घटना को अंजाम देते हुए छुट्टी पर घर आये सेना के एक
जवान की मेले में गोली मार दी, जबकि तीसरी घटना को नक्सलियों ने रविवार सुबह नारायणपुर में
अंजाम दिया है। जहां गश्त पर निकले सीएएफ के जवानों को नुकसान पहुंचाने नक्सलियों ने आईईडी
ब्लाॅस्ट किया, इस आईईडी के चपेट में आकर सीएएफ के एक हेड कॉन्स्टेबल शहीद हो गया है।
उल्लेखनीय है कि सुकमा जिले के जगरगुंडा इलाके में शनिवार को नक्सलियों के एंबुश लगा रखा था,
इसमें हुई मुठभेड़ में तीन जवानों की शहीद होने के बाद इसी बीच शनिवार शाम को ही कांकेर जिले
में नक्सलियों ने वार्षिक मेले में शामिल होने आए सेना के जवान की गोली मारकर हत्या कर दी।
पुलिस के अनुसार इस वारदात को नक्सलियों की स्माल एक्शन टीम ने अंजाम दिया है। जवान
इंडियन आर्मी में असम में पदस्थ था और कुछ दिन पहले ही छुट्टी पर अपने गृह ग्राम आया हुआ
था और ग्राम उसेली में आयोजित वार्षिक मेले में गया हुआ था। इसी दौरान नक्सलियों के स्माल
एक्शन टीम के दो लोगों ने मेले के बीच जवान पर फायर किया और घटना को अंजाम देकर फरार
हो गए, जिसके बाद जवान मोतीराम आंचला को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज के दौरान
जवान की मौत हो गई।
वहीं रविवार सुबह नारायणपुर जिले के ओरछा मार्ग पर नक्सलियों ने बॉटमपारा के पास आईईडी
विस्फोट किया और इस आईईडी के चपेट में आकर सीएफ के 16 बटालियन में हेड कांस्टेबल के पद
पर पदस्थ संजय लकड़ा की मौत हो गई है। नारायणपुर एसपी पुष्कर शर्मा ने बताया कि इस इलाके
में जवानों की संयुक्त टीम गश्ती के लिए निकली हुई थी। नक्सलियों ने पहले ही उस इलाके में
आईईडी लगाया हुआ था, इसी दौरान सीएफ के जवान संजय लकड़ा का पैर इस आईईडी की चपेट में
आ गया और विस्फोट होने से जवान बुरी तरह से घायल हो गया, जिसके बाद जवान की मौत हो
गई।
टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन: नक्सलवाद का दंश झेल रहे छत्तीसगढ़ के बस्तर में हर साल
फरवरी माह से ही नक्सली संगठन अपने टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन (टीसीओसी) अभियान की
शुरुआत करते हैं। फरवरी से जून तक चलाये जाने वाले नक्सलियों के इस अभियान का मुख्य
उद्देश्य पुलिस के खिलाफ आक्रामक होकर लड़ाई लड़ना और ज्यादा से ज्यादा जवानों को नुकसान
पहुंचाना रहता है। बस्तर में जितने भी बड़े नक्सली हमले हुए हैं, जिनमें जवानों की ज्यादा शहादत
हुई है, यहां तक की 25 मई 2013 को झीरम घाटी में हुआ हमला भी नक्सलियों के इसी अभियान
का हिस्सा था। पिछले पांच वर्ष में टीसीओसी अभियान में पुलिस ने 60 से अधिक जवानों को खोया
है, वहीं 30 से ज्यादा आम नागरिक मारे गए हैं। हालांकि वर्ष 2022 में केवल 09 जवानों की शहादत
हुई, वहीं वर्ष 2023 में फरवरी माह आते ही नक्सली एक बार फिर कुछ अधिक ही सक्रिय हो गए हैं।
नक्सली फरवरी महीने में तीन भाजपा नेताओं के घर में घुसकर हत्या कर चुके हैं।
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी. का कहना है कि नक्सली लगातार बैकफुट में आने से बौखलाहट में
इस तरह की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, इन वारदातों का मुंहतोड़ जवाब नक्सलियों को दिया
जायेगा। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान अंदरूनी इलाकों में हो रहे आयोजन मेले में जवानों को
खास सतर्कता और सावधानी बरतने कहा गया है।