नई दिल्ली। आप भी राजधानी एक्सप्रेस में यात्रा करने वाले हैं तो जल्द आपको इस यात्रा के दौरान नया अनुभव मिलने वाला है। दरअसल रेलवे ने स्वच्छता को लेकर नया कदम उठाया है और इस ट्रेन के यात्रियों को डिस्पोजेबल टॉवल और पिलो कवर्स मिलेंगे। इनकी खास बात यह रहेगी कि यह सब पूरी तरह से ईको-फ्रैंडली होंगे।
इस कदम के साथ रेलवे यात्रियों की हाइजीन और खर्च से जुड़ी शिकायतों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। वेस्टर्न रेलवे को हर महीने टॉवल और पिलो कवर्स के गंदे होने की शिकायतें मिलती हैं। वहीं दूसरी बड़ी चिंता चोरी है क्योंकि हर महीने ट्रेनों से 70 टॉवल चोरी हो जाते हैं।
पश्चिम रेलवे के पीआरओ रविंदर भाकर के अनुसार 90 प्रतिशत यात्रियों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। डिस्पोजल टॉवल जैसी शुरुआत सबसे पहले मुंबई सेंट्रल जयपुर में की गई थी जो कि एक ट्रायल था। इसे अन्य ट्रेनों में लागू करने से पहले और भी ट्रायल लिए जाएंगे। इन टॉवल्स को बनाने के लिए कॉटन का उपयोग किया गया है। हर राउंड ट्रिप पर कम से कम 2300 पिलो कवर्स और टॉवल्स दिए जाते हैं।
टॉवल सप्लाय करने वाली कंपनी के सीनियर मैनेजर दयाल मेहता के अनुसार इन्हें बनाने की प्रक्रिया भी पूरी तरह से ईको फ्रैंडली है और हम इन प्रोडक्ट्स को कैमिकल और डाई फ्री रखते हैं। एक साधारण टॉवेल की कीमत 6 रुपए होती है जिसमें उसकी धुलाई व अन्य खर्च शामिल हैं, वहीं डिस्पोजेबल टॉवल 4.75 रुपए में पड़ता है।