नई दिल्ली। विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत ने पहली बार 100वें नंबर पर पहुंचकर एक नया मुकाम हासिल किया है। लेकिन विपक्ष इसे लेकर भी सरकार को निशाना बना रही है। विपक्ष के इन हमलों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राहुल गांधी पर तंज कसा है।
जेटली ने बुधवार को ट्वीट करते हुए एनडीए और यूपीए सरकार के कार्यकाल की तुलना की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि यूपीए और एनडीए के शासन में यही फर्क के है कि यूपीए के समय जारी इज ऑफ डूइंग करप्शन को एनडीए के इज ऑफ डूइंग बिजनेस ने ले ली है।
बता दें कि राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा था कि सबको मालूम है “ease of doing business” की हकीकत, लेकिन ख़ुद को खुश रखने के लिए “Dr Jaitley” ये ख्याल अच्छा है।
इससे पहले वित्त मंत्री ने वर्तमान उपलब्धि को लेकर कहा कि सरकार का लक्ष्य अभी इससे बड़ा है। सरकार ने अगले कुछ वर्षो में इस रैंकिंग में 50वें स्थान पर पहुंचने का लक्ष्य रखा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि यह लक्ष्य संभव है। विश्व बैंक की रिपोर्ट ‘डूइंग बिजनेस 2018’ जारी होने के बाद वित्त मंत्री ने यहां संवादाताओं से कहा कि जीएसटी के क्रियान्वयन सहित जो महत्वपूर्ण सुधार सरकार ने लागू हुए हैं उनका असर आने वाले महीनों में देखने को मिलेगा जिससे अगले कुछ वर्षो में भारत की रैंकिंग में सुधार आएगा।
जेटली ने कहा कि आर्थिक सुधारों का फल कुछ समय बाद मिलता है और भारत के विकास के संबंध में सरकार का जो रोडमैप है उसकी पुष्टि ईज ऑफ डूइंग रैंकिंग में उछाल से होती है। उन्होंने कहा कि सरकार और सुधारों के जरिए भारत की रैंकिंग को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। गौरतलब है कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग पर भारत १००वें नंबर पर पहुंच गया है जबकि पिछले साल 130वें नंबर पर था।
जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में 50वें नंबर पर आने के लक्ष्य को दोहराते हुए कहा कि इस मुकाम पर पहुंचना संभव है। मोदी सरकार ने तीन साल में असाधारण गति से सुधार किए हैं। भारत अकेला देश है जिसका नाम रिपोर्ट विशेष तौर पर सुधारों के लिए लिया गया है।
इसी का परिणाम है कि भारत की रैंकिंग में 30 अंक का उछाल आया है। सरकार इसमें आगे भी सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है। जेटली ने कहा कि भारत की रैंकिंग में सबसे ज्यादा उछाल कर सुधारों के कारण आया है। हालांकि जीएसटी का प्रभाव अगली रैंकिंग में देखने को मिलेगा क्योंकि इसे एक जुलाई 2017 से ही लागू किया गया है।