जोहानिसबर्ग। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने बृहस्पतिवार को चीन द्वारा
ऑनलाइन आयोजित 14वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में कहा कि संयुक्त राष्ट्र में निर्णय लेने की प्रक्रिया को
लोकतांत्रिक बनाने की जरूरत है, ताकि वैश्विक चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।
ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के ऑनलाइन शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो और
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने हिस्सा लिया। रामाफोसा ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र में निर्णय लेने की
प्रक्रिया को लोकतांत्रिक बनाने की जरूरत है, ताकि बहुपक्षीय संस्था वैश्विक चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपट
सके।’’
राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि जलवायु परिवर्तन और सतत विकास जैसे वैश्विक मुद्दों पर प्रभावी ढंग से ध्यान
नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम चिंतित हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान अन्य संघर्षों और मानवीय
संकटों की ओर से भटकाया गया है..।’’ उन्होंने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध से उत्पन्न वैश्विक संकट सहित किसी
विशिष्ट संघर्ष क्षेत्र का उल्लेख नहीं किया, लेकिन कहा कि दक्षिण अफ्रीका दुनिया भर में संघर्षों के शांतिपूर्ण
समाधान के लिए बातचीत का मार्ग चुनने का आह्वान करता रहेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम यहां ब्रिक्स के सदस्यों के रूप में एक ऐसी दुनिया के वास्ते अपने साझा दृष्टिकोण की पुष्टि
करने के लिए हैं, जिसमें सभी लोगों की एक सार्थक हिस्सेदारी हो, जिसमें सभी को समान अवसर मिले और जिससे
सभी का फायदा हो सके।’’ राष्ट्रपति रामाफोसा ने कहा, ‘‘दुनिया को एक नेतृत्व प्रदान करने में ब्रिक्स को अपनी
अहम भूमिका निभानी होगी।’’ चीन इस साल ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है।