काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शनिवार को एक सिख गुरुद्वारे में कई
विस्फोट और गोलीबारी की घटनाएं हुईं। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी। ‘टोलो न्यूज’ ने धमाके का वीडियो
साझा करते हुए ट्वीट किया कि विस्फोट काबुल के कार्ते परवान इलाके में हुआ। इलाके में गोलीबारी की भी खबर
है। कार्ते परवान गुरुद्वारा उसी क्षेत्र में स्थित है। फिलहाल विस्फोट और गोलीबारी में मारे गए लोगों की संख्या
पता नहीं चल पाई है।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने ट्वीट किया, ”हम काबुल शहर में एक पवित्र गुरुद्वारे पर हुए हमले की घटना से बहुत
चिंतित हैं। हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और आगे की घटना के बारे में अधिक जानकारी की
प्रतीक्षा कर रहे हैं।” ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ के अनुसार, तालिबान के आंतरिक मंत्रालय द्वारा नियुक्त प्रवक्ता अब्दुल
नफी ताकोर ने इस हमले की पुष्टि की है। हालांकि, उन्होंने हमले में मारे गए लोगों की संख्या या अन्य जानकारी
साझा नहीं की है। गुरुद्वारे पर हुए इस हमले की फिलहाल किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है।
अतीत में इस्लामिक स्टेट इन खोरासन (आईएस-के) देशभर में मस्जिदों और अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों की
जिम्मेदारी ले चुका है। चीन की स्थानीय समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने एक प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से कहा, ”हमने
स्थानीय समयानुसार सुबह करीब छह बजे कार्ते परवान इलाके में विस्फोट की आवाज सुनी। पहले विस्फोट के
लगभग आधे घंटे के बाद दूसरा विस्फोट हुआ। फिलहाल पूरे इलाके को सील कर दिया गया है।” उसने बताया कि
सुरक्षा बलों ने एहतियात के तौर पर इलाके की घेराबंदी कर दी है।
प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, विस्फोट के कारण आसमान में धुएं का गुबार फैल गया। हमले के बाद से पूरे इलाके में
दहशत का माहौल है। उसने कहा, ‘विस्फोट में बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने की आशंका है। सुरक्षा बलों द्वारा
चेतावनी के लिए कई गोलियां दागी गईं।” सिख समुदाय के नेताओं का अनुमान है कि तालिबान शासित
अफगानिस्तान में सिर्फ 140 सिख बचे हैं, जिनमें से ज्यादातर पूर्वी शहर जलालाबाद और राजधानी काबुल में हैं।
इससे पहले, मार्च 2020 में काबुल के एक गुरुदारे में हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 25 सिख मारे गए थे
और आठ अन्य लोग घायल हुए थे। यह हमला अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक सिख समुदाय पर हुए सबसे घातक
हमलों में से एक था। शोर बाजार इलाके में हुए इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस)
ने ली थी।