जिनेवा। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में संगठन में सुधार के
लिए रिफार्म एजेंडा तैयार किया गया है। इस सम्मेलन में हिस्सा लेने आए भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री
पीयूष गोयल ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विकासशील देशों को वैक्सीन बनाने में सहूलियत मिले, इसका
एकमत से फैसला लिया गया है।
मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक भारत ने विकासशील और कम विकसित देशों का नेतृत्व करते हुए कई अहम समझौते
के लिए 164 सदस्य देशों को राजी किया है। भारत ने कोरोना वैक्सीन के पेटेंट में छूट से लेकर फिशरीज में
सब्सिडी जारी रखने के मसले पर दुनिया को एकमत किया है।भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के
नेतृत्व में 19 घंटे तक चली मैराथन बैठक में कई मसलों पर सहमति बन सकी।
उल्लेखनीय हैकि पिछले डेढ़ साल से भारत और दक्षिणी अफ्रीका कोरोना वैक्सीन बनाने के पेटेंट में छूट चाहते थे
ताकि कंप्लसरी लाइसेंसिंग नियम के तहत कोई भी देश वैक्सीन का निर्माण कर सके और दुनिया को इस महामारी
से उबारा जा सके। इस मांग पर सभी देश समझौते के लिए तैयार हो गए हैं। अब कोई भी देश बिना उस कंपनी
की इजाजत के कंप्लसरी लाइसेंसिंग के तहत न केवल वैक्सीन का उत्पादन कर सकेगा बल्कि उसका निर्यात भी
कर सकेगा। अगले पांच साल के लिए पेटेंट में छूट दी गई है। इससे भारत को फायदा यह होगा कि देश की
वैक्सीन कंपनियां दूसरे देशों में जाकर वैक्सीन बना सकेंगी और दुनिया के वंचित देशों को आसानी से सस्ते दाम
पर वैक्सीन उपलब्ध हो सकेंगी।
इस सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे सदस्य विकसित देश मछली पकड़ने के मामले में मछुआरों को दी जाने वाली
सब्सिडी खत्म करने के पक्ष में थे, लेकिन भारत अपने मछुआरों को दी जाने वाली सब्सिडी जारी रखना चाहता था।
भारत के कड़े रुख को देखते हुए मछुआरों को दी जाने वाली सब्सिडी के मसौदे से हटा दिया गया। इसका मतलब
यह है कि मछुआरों को दी जाने वाली सब्सिडी जारी रहेगी।