बर्लिन। भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वित्तीय
अनुशासन कायम करने के मामले में बड़ी राहत मिली है। वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण पर
नजर रखने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को अपनी ग्रे लिस्ट से हटाने फैसला
कर लिया है।
पाकिस्तान वर्ष 2018 से एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में है। जून 2018 में पाकिस्तान को यह कहकर एफएटीएफ ने
अपनी ग्रे लिस्ट में शामिल किया था कि वह अवैध ढंग से धन की आवाजाही रोकने में विफल रहा है। पाकिस्तान
की इस लापरवाही के कारण आतंकी संगठनों को आर्थिक लाभ मिला और इसके परिणामस्वरूप आतंकवाद को
बढ़ावा मिला। तब एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अक्टूबर 2019 तक सुधरने की मोहलत दी थी।
इसके बावजूद पाकिस्तान आतंकवादियों को धन आपूर्ति रोक पाने में सफल नहीं हो पा रहा था। इस कारण तमाम
कोशिशों व दावों के बावजूद पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बना हुआ था। अब पाकिस्तान को इस दिशा में
बड़ी राहत मिली है। जर्मनी की राजधानी बर्लिन में चल रही एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से
बाहर करने का फैसला लिया गया है। इसकी आधिकारिक घोषणा अक्टूबर में होने वाली एफएटीएफ की बैठक में की
जाएगी। इसके बाद पाकिस्तान पर लगी विभिन्न आर्थिक पाबंदियों को भी हटा लिया जाएगा।