पटना। रेलवे होटलों के ठेके से संबंधित मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को पूछताछ के लिए फिर तलब किया है।
हालांकि तेजस्वी ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया है कि वह बार-बार जांच एजेंसियों के पास नहीं जाएंगे।उन्होंने कहा कि सीबीआई, ईडी और आयकर वाले बार-बार एक ही चीज के लिए बुलाते हैं। उनके ऊपर बिहार की जिम्मेदारी है।एक ही बात के लिए वह बार-बार जांच एजेंसियों के पास हाजिरी नहीं लगाएंगे।
तेजस्वी ने पूछा कि नोटिस सिर्फ लालू परिवार को ही क्यों दिया जा रहा है? भाजपा नेताओं को क्यों नहीं? सृजन घोटाले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सुशील मोदी को कठघरे में खड़ा करते हुए तेजस्वी ने पूछा कि उन्हें नोटिस क्यों नहीं जारी किया जा रहा है?
एजेंसी ने लालू प्रसाद, उनके परिवार के सदस्यों एवं अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है। इसके पहले तेजस्वी को 24 अक्टूबर को बुलाया गया था, लेकिन वह नहीं जा सके थे।
तेजस्वी को प्रवर्तन निदेशालय अब तक छह बार तलब कर चुका है, लेकिन वो सिर्फ 10 अक्टूबर को ही ईडी के सामने पेश हुए थे।
जदयू पर ली तेजस्वी ने चुटकी-
तेजस्वी ने श्याम रजक और उदय नारायण चौधरी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जदयू में रस्साकशी शुरू हो चुकी है। पार्टी में लोकतंत्र पर सवाल खड़ा करते हुए तेजस्वी ने ललन सिंह और आरसीपी सिंह को भी निशाने पर लिया और कहा कि जदयू में नीतीश कुमार के अलावा सिर्फ इन्हीं दो लोगों की चलती है। तेजस्वी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार को आरक्षण विरोधी करार दिया।
तेजस्वी के मुताबिक लोकसभा चुनाव में बिहार में जदयू को भाजपा उतनी ही सीट देने वाली है, जितनी सीटों पर गुजरात में चुनाव लडने की जदयू तैयारी कर रहा है।
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने रविवार को कहा था कि गुजरात में जदयू करीब आधा दर्जन सीटों पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रहा है। तेजस्वी ने कहा कि दोनों दलों के खेल को जनता समझ चुकी है।