नई दिल्ली। अक्टूबर में हर जगह ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस डे मनाया गया। महिलाओं को इसके प्रति जागरूक किया गया लेकिन क्या आप जानते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर पुरुषों को भी हो सकता है। यूं तो पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर आम नहीं है लेकिन ये एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में या तो लोगों को कम जानकारी है या फिर वे इस बारे में बात करने से ही कतराते हैं। ब्रेस्ट कैंसर को महिलाओं की बीमारी ही मानकर पुरुष कई लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं जो कि जानलेवा हो सकती है।
यहां एक ऐसे शख्स के बारे में बताया गया है जिन्होंने ब्रेस्ट कैंसर को हराकर नई जिंदगी पाई है। संजय गोयल बचपन से ही हष्ट-पुष्ट थे और उनका दाहिना स्तन सामान्य से थोड़ा बड़ा था। लेकिन सभी को लगता था कि मोटे होने के कारण ऐसा है और समय के साथ सही हो जाएगा। लेकिन यही अनदेखी 45 साल की उम्र में उनकी जान की दुश्मन बन गई। कई मौकों पर ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण सामने आए लेकिन इसे वह पहचान नहीं पाए।
वे जब 24 साल के हुए तो उनके दाहिने स्तन से द्रव निकलने लगा। इसे उन्होंने नजरअंदाज किया। 30 साल की उम्र तक आते-आते गांठ निकल आई थी। लेकिन इस पर भी ध्यान तब तक नहीं गया जब तक कि इससे खून न बहने लगा। जब खून आने लगा तब उन्होंने डॉक्टर से संपर्क किया।
उन्हें एंटीबायोटिक्स दी लेकिन एक साल बाद यही समस्या सामने आई। डॉक्टर ने फिर एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह दी तो उन्होंने बदला। उन्होंने अपने फैमिली फ्रेंड और सर्जन से अपने स्तन में हो रहे दर्द को लेकर संपर्क किया। उन्होंने संजय को फाइन नीडल एस्पीरेशन साइटोलॉजी नाम का स्पेशल टेस्ट कराने को कहा जिसके बाद ब्रेस्ट कैंसर डिटेक्ट हुआ। बायोप्सी में भी सामने आया कि कैंसर स्टेज 2 है।
उनके मुताबिक वे तो यही जानते थे कि कैंसर यानी मौत। जीने की उम्मीद चली गई। मेरे लिए यह सब इसलिए भी हैरान करने वाला था कि मैं हेल्दी लाइफस्टाइल जीता था। नियमित योगा करता था। कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी कराने के बाद गोयल को हॉर्मोन थेरेपी भी दी गई, जो अब तक चल रही है। पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर की संभावना केवल 2 प्रतिशत होती है।