नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जहांगीरपुरी में हाल में हुई हिंसा के मामले में मुख्य
आरोपी मोहम्मद अंसार समेत विभिन्न संदिग्धों के खिलाफ धन शोधन का एक मामला दर्ज किया है। अधिकारियों
ने शनिवार को यह जानकारी दी।
संघीय एजेंसी ने धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत प्रवर्तन मामला सूचना
रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है। ईडी की ईसीआईआर पुलिस की प्राथमिकी के समान होती है।
दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने हाल में ईडी को पत्र लिखकर एजेंसी (ईडी) से (धन शोधन की) जांच
करने का अनुरोध किया था। उन्होंने मामले में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों द्वारा प्राप्त किये गये प्रारंभिक तथ्यों
और उनके द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी का हवाला दिया था।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस में दर्ज इन शिकायतों के बाद ईडी ने मामला दर्ज किया है।
जहांगीरपुरी में बीते शनिवार को हनुमान जयंती के अवसर पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के
बीच झड़प हुई थी, जिसमें आठ पुलिसकर्मी और एक स्थानीय निवासी घायल हो गया था। पुलिस के अनुसार, हिंसा
के दौरान पथराव और आगजनी की घटनाएं हुई और कुछ वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।
पुलिस के अनुसार, जहांगीरपुरी के बी-ब्लॉक का रहने वाला अंसार (35) हिंसा की घटना का कथित ‘‘मुख्य
साजिशकर्ता’’ है।
पुलिस ने कहा कि शुरूआती जांच के दौरान यह सामने आया है कि अंसार के कई बैंक खातों में रुपये हैं और उसके
पास कई संपत्ति भी हैं, जिन्हें कथित तौर पर जुआ की रकम से खरीदा गया।
ईडी सभी आरोपियों से पूछताछ कर सकती है और उनके वित्तीय लेनदेन की जांच कर सकती है। उसे धन शोधन
की जांच के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार करने तथा उनकी संपत्ति कुर्क करने का भी अधिकार है।
अभी तक, पुलिस ने जहांगीरपुरी हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि दो नाबालिगों को भी
पकड़ा गया है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा मामले की जांच कर रही है।
अंसार समेत पांच आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) की सख्त धाराओं में मामला दर्ज किया गया
है।
पुलिस के मुताबिक, शोभायात्रा में भाग लेने वाले लोगों के साथ अंसार की कथित तौर पर बहस हुई थी, जिससे
विवाद पैदा हो गया और उसके बाद पथराव हुआ।