वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के प्रमुख ने बृहस्पतिवार को कहा कि
”अगले साल जी-20 देशों के शक्तिशाली समूह के अध्यक्ष के रूप में भारत को समावेशी होने और सभी देशों के
साथ सहयोग करने की अपनी लंबी परंपरा का उपयोग करके दुनिया के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचकर वैश्विक
चुनौतियों को दूर करने के लिए एक अनूठी भूमिका निभानी है।”
आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने आईएमएफ की अंतरराष्ट्रीय मुद्रा और वित्त समिति की
अध्यक्ष नादिया काल्वियो के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणी की। जॉर्जीवा ने कहा कि भारत
के लिए एक विशेष कार्य है कि आईएमएफ में हम कार्रवाई देखने के इच्छुक हैं, और यह कोटा की 16वीं सामान्य
समीक्षा है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने भरोसा जताया कि भारत के जी-20 का अध्यक्ष रहने से नादिया को
उद्देश्य हासिल करने में मदद मिलेगी।
भारत जी-20 देशों का अध्यक्ष बनने वाला है, जो 19 देशों और यूरोपीय संघ (ईयू) की सदस्यता वाला एक
शक्तिशाली अंतर-सरकारी मंच है। जी-20 का वर्तमान अध्यक्ष इंडोनेशिया है। जॉर्जीवा ने एक के प्रश्न के जवाब में
कहा, ”संयोग से यह एक अच्छा क्रम है कि दो बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाएं एक के बाद एक जी -20 की अध्यक्षता
कर रही हैं।’’ यह देखते हुए कि बहुपक्षवाद पहले के मुकाबले कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है, कैल्विनो ने कहा
कि जी -20, आईएमएफसी, आईएमएफ और बाकी सभी अंतरराष्ट्रीय मंच और संस्थान वैश्विक चुनौतियों के जवाब
में समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।